समाजसेवी शालिनी पटेल के नेतृत्व में वीरांगना फूलन देवी की मनाई गई पुण्यतिथि
बांदा। अशोक लॉट में पूर्व सांसद वीरांगना फूलन देवी की पुण्यतिथि समाज सेवियों ने मनाया है। समाज सेवी शालिनी पटेल ने बताया है कि महान वीरांगना फूलन देवी महिलाओं के लिए मिशाल थी। सभी महिलाओं को फूलन देवी के सिद्धांतो पर चलने की जरूरत है। फूलन देवी ने कोई ग़लत नहीं किया था। लोगो ने उनको सताया फूलन देवी ने जवाब दिया। जेल हुई, सजा काटी और संसद बनी। उनके हौसले को हम नमन करते है। रविन्द्र कुमार भारतीय ने बताया कि हमारी बहन बेटी अब घरों से निकले और अपने अधिकारों को पहचाने एवं शिक्षित बनें। 1963 में फूलन का जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ था। 11 साल की उम्र में पुत्तू लाल से शादी हुई। 15 साल की उम्र में गाँव के दबंगों द्वारा सामूहिक बलात्कार किया गया। जिस देश की स्त्रियों को अपने ही घर की चहरदीवारी से बाहर निकलने की इजाजत लेनी पड़ती हो और जुबानों पर तरह-तरह की पाबन्दियाँ लगाई जाती हों। उसी देश में अत्यंत साधारण एक मल्लाह की बेटी का प्रतिरोध और उसकी गर्जना को पूरा विश्व सुना, यह भारतीय इतिहास में पहली बार हुआ। किसी स्त्री द्वारा किया गया ऐसा प्रतिरोध विश्व के इतिहास में कहीं नहीं मिलेगा। जातिवादी, वर्चस्वादी और गुलामी की जिस चादर को फूलन का समाज सदियों से ओढ़े हुये रो-रोकर जी रहा था, फूलन ने उसे बेनकाब कर दिया। फूलन ने भारतीय समाज के सामने अपने प्रतिरोध की मिशाल कायम करके यह दिख दिया कि एक स्त्री के भीतर भी साहस और शौर्य होता है। एक स्त्री की बीर गाथाएँ भी इतिहास में पढ़ी जाती हैं। चंबल की शेरनी, भारत की शान और एक ज़िंदा दिल वीरांगना फूलन को शत-शत नमन।
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