समाजसेविका शालिनी पटेल के नेतृव में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की मनाई गई पुण्यतिथि
बांदा। देश के 11वे राष्ट्रपति भारत रत्न पद्म विभूषण एवं पद्म भूषण से सम्मानित एवं महान वैज्ञानिक व मिसाइल मैन के नाम से पूरे विश्व में पहचाने जाने वाले महामानव डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की पुणयतिथि है। 27 जुलाई 2015 को देशवासियों ने अपना एक अमूल्य हीरा खो दिया था। 27 जुलाई 2015 को शिलांग में महान वैज्ञानिक ने अंतिम सांस लिया था। उस दिन पूरा देश रोया। 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक राष्ट्रपति का पदभार संभाला था। शालिनी पटेल ने बताया है कि आज देश के युवाओं को डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम से सीखने की जरूरत है। पूरे विश्व में मिसाइल बनाकर भारत देश का डंका पूरे विश्व में बजवाया था। भारत के संविधान की रक्षा भारत जैसे विशाल देश के राष्ट्रपति रहते हुए अपना दायित्व बड़े ही बेखूबी से निभाया। एपीजे अब्दुल कलाम ने देश को कभी बाटने का काम नहीं किया था। हिन्दू, मुस्लिम, सिख व ईसाई सभी को अपना भाई मानते थे। सभी देशवासियों को उनके सिद्धांतों पर चलने की जरूरत है। देश के लोगो को उनकी किताबे को पढ़ने की जरूरत है।आज देश के लोकतंत्र को बचाने की जरूरत है। हमारा देश विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए नफरत को देश प्रेम की भावना में बदलने की जरूरत है। कार्यक्रम में उपस्थित शालिनी पटेल, भैरवदीन, जितेंद्र कुमार खंगार, रमाकांत तिवारी, शेर बहादुर सिंह, दिनेश सिंह दीनू, शिवानी सिंह, बैश्य राजेश कुमार गुप्ता, अशोक वर्धन कर्ण, रफत खान, केपी सिंह, कुलदीप वर्मा, श्री राम मिश्रा, वीरेंद्र सिंह, प्रदीप पल, संजीव गुप्ता आदि लोग कार्यक्रम में सम्मिलित थे।
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