लखीमपुर खीरी हिंसा: आशीष मिश्रा को लगा तगड़ा झटका, कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
लखनऊ। लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को तगड़ा झटका लगा है। इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आशीष मिश्र की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।अभियुक्त, सरकार और पीड़ित पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद न्यायालय ने 15 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।न्यायालय ने कहा कि रिकॉर्ड पर उपलब्ध तथ्यों को देखते हुए आशीष मिश्रा को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता। यह निर्णय न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की एकल पीठ ने आशीष मिश्र की जमानत याचिका को खारिज करते हुए पारित किया। इससे पहले हाईकोर्ट ने 10 फरवरी 2022 को आशीष को जमानत दे दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरशुदा जमानत खारिज कर सुनवाई वापस हाईकोर्ट भेजकर कहा था कि पीड़ित पक्ष को सुनवाई का पूरा अवसर देकर आशीष की जमानत अर्जी पर नए सिरे से आदेश पारित किया जाए। इसी के बाद से हाईकोर्ट नए सिरे से सुनवाई कर रहा था। इस बीच 9 मई, 2022 को हाई कोर्ट ने इस केस के चार सह अभियुक्तों की जमानत अर्जी यह कहकर खारिज कर दी थी कि वे राजनीतिक रूप से बहुत पहुंचे हुए लोग हैं जो छूटने पर विचारण के दौरान गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास कर सकते हैं। बता दें कि लखीमपुर खीरी में पिछले साल तीन अक्टूबर को किसानों का एक समूह उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के विरोध में प्रदर्शन कर रहा था तभी थार जीप ने चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया था। इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने भारतीय जनता पार्टी के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला था जबकि एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई थी। किसान नेताओं ने दावा किया है कि उस वाहन में आशीष मिश्रा था, जिसने प्रदर्शनकारियों को कुचला था। हालांकि, आशीष मिश्रा ने आरोपों को खारिज किया है।
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