युवाओं के लिए वरदान साबित हो रही है कुरई महाविद्यालय की स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना

कैरियर मार्गदर्शन योजना से जुड़े छात्र गाइड बनकर आत्मनिर्भर बने

केएमबी नीरज डेहरिया
सिवनी। शासकीय महाविद्यालय कुरई जिला सिवनी (मप्र) में स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना से जुड़े प्रत्येक विद्यार्थियों में आत्मनिर्भरता बनने का भाव बना हुआ हैं। योजना से जुड़े विद्यार्थियों के लिए टीपीओ प्रो. पंकज गहरवार के द्वारा नवाचार कर कैरियर अवसरों की संभावना तलाशी जाती हैं। अल्पावधि रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण महाविद्यालय में समय समय पर आयोजित किये जाते हैं। अभी हाल ही में विद्यार्थियों को औद्योगिक भ्रमण भी कराया गया था। महाविद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे आत्मनिर्भर बनने की दिशा में उत्साह से कार्य करते हैं। कुरई की भौगोलिक स्थिति का लाभ उठाकर यहाँ के विद्यार्थी गाइड बनकर आत्मनिर्भरता के सुख को प्राप्त कर रहे हैं। प्रकृति का व्याख्याता या गाइड
ऐसा व्यक्ति होता है जो लोगों को प्रकृति की रोमांचकारी एवं रोचक दुनिया से रूबरू कराता हैं। यह दुनिया पौधों, वन्यप्राणियों, चिड़ियों, सरीसृपों, उभयचरों, कीट पतंगों आदि के अतिरिक्त झीलों, नदियों, झरनों गुफाओं, झरनों और स्थानीय लोगों की हैं। गाइड सदैव यह याद रखता  हैं जिन लोगों को राष्ट्रीय उद्यान या संरक्षित क्षेत्रों में भ्रमण करा रहे हैं, उनके मन में इनके प्रति जिज्ञासा, दिलचस्पी और सहानुभूति जगाना उनका मिशन है। पर्यटक शांति, विश्रांति और सुख की खोज में दौड़ आते हैं। हर पर्यटक की दिलचस्पी अलग-अलग होती हैं। महाविद्यालय में विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना से जुड़े छात्र हरिप्रसाद पन्द्रे जो कि गाइड का काम कर रहे हैं, ने बताया कि गाइड बनने के लिए भाषा पर अधिकार विचारों की सहज अभिव्यक्ति होनी चाहिए। वहीं गाइड मेघा बरमैया ने बताया कि गाइड में संप्रेषण कौशल अच्छा होना चाहिए। गाइड रागिनी हरिनखेड़े ने बताया कि वन विभाग के द्वारा गाइड बनने के पहले हमें प्रशिक्षण दिया गया। हमने दृढ़संकल्प व प्रतिबद्धता से प्रशिक्षण लिया। गौर करने वाली बात यह हैं कि 
पेंच टाईगर रिचर्व प्रकृति की गोद में नैसर्गिक खूबसूरत वन क्षेत्र में मौजूद है। नेशनल पार्क का इलाका पर्यटकों को लुभाता है। गाइड पर्यटकों को स्थान की सुविधा और इतिहास के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करते है।  शासकीय महाविद्यालय कुरई के विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ गाइड बनकर आत्मनिर्भरता की राह पर चल पडे है। वे अध्य्यन के साथ-साथ परिवार का भरण-पोषण भी कर रहें है। इसके साथ ही वे अपने जूनियर विद्यार्थियों के लिए आदर्श बनकर उनको भी आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दे रहें है। प्राचार्य बीएस बघेल ने सभी विद्यार्थियों से कहा कि आत्मनिर्भरता का सुख सभी सुखों से बढ़कर सुख हैं। सभी आत्मनिर्भर छात्र महाविद्यालय में संचालित स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन योजना से कॅरियर मित्र के रूप में भी जुड़े है। इन सभी विद्याथियों में हरिप्रसाद पन्द्रें, वैभव ठाकुर, अनिता इनवाती, रागिनी हरिनखेड़े, मेघा बरमैया, साहिल भलावी, अनिता इनवाती, अक्षय मर्सकोले, आशीष कुमरे, रोशनी दशमेर, अरविंद भलावी, सपना तेकाम, पूनम मर्सकोले, अंजेश उइके, जयसिंह कोकोड़े, राजकली भलावी शामिल हैं। वे सुखी व स्वाभिमानी जीवन व्यतीत कर रहें हैं। उच्च शिक्षा विभाग की स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना के द्वारा अभी संचालित ऑनलाइन रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण को विद्यार्थी तन्मयता व गाम्भीरता से ले रहे हैं। इन सभी विद्यार्थियों के मार्गदर्शन के लिए स्टाफ से डॉ कंचनबाला डावर, डॉ श्रुति अवस्थी, श्रीमती तीजेश्वरी पारधी, प्रो. जयप्रकाश मेरावी, डॉ मधु भदौरिया हमेशा उपलब्ध रहती हैं और उनको रोजगार की जानकारी उपलब्ध कराते हैं।
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