केएमबी रुक्सार अहमद
सुल्तानपुर। शासन ने वित्तीय अनियमितता समेत कई गंभीर आरोपों को संज्ञान में लेते हुए नगर पालिका अध्यक्ष बबिता जयसवाल के वित्तीय अधिकार को सीज कर दिया है। शासन की कार्यवाही से जिले में हड़कंप मच गया है। नगर पालिका में जनता के हितों के लिए संघर्ष कर रहे सभासदों ने इसे जनता व न्याय की जीत बताया है। सुल्तानपुर नगर पालिका परिषद का जहां बहुमत में परिषद के सभासद बीते तीन सालों से आंदोलनरत हैं और नगर पालिका अध्यक्ष की सभी विधि विरुद्ध कार्यवाही का विरोध कर रहे हैं। वित्तीय अनियमितता की शिकायतें भी की गई थी जिसकी जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद शहर की जनता को कार्यवाही का इंतजार था। सालाना बजट बैठक भी कोरम के अभाव में तीन बार स्थगित की गई। बजट पास न होने के बावजूद पालिका अध्यक्ष ने टेंडर निकाल दिया। यही नहीं जल निगम के कर्मचारियों को समायोजित न करने का भी बड़ा आरोप इन पर लगाया गया है। उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में नगर पालिका अध्यक्ष बबिता जायसवाल के पति अजय जयसवाल को प्रशासनिक कार्यों में हस्तक्षेप करने, सरकारी काम में बाधा डालने व अनुचित लाभ की नियत से ठेके पट्टों में हस्तक्षेप करना भारी पड़ गया।
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