ग्राम सचिवालय के स्थान पर निष्प्रयोज्य एवं जर्जर आवासीय भवन में ग्रामपंचायत अधिकारीगण चला रहे हैं कार्यालय
चांदा सुल्तानपुर। मुख्यालय के माया जाल में फंसे ग्रामपंचायत अधिकारीगण विकासखंड प्रतापपुर कमैंचा मुख्यालय पर संबंधित ग्राम पंचायतों के कार्यालय खोल रखे हैं। यह कार्यालय आवसीय भवनो में संचालित है। भवन पूरी तरह जर्जर है और कभी भी जानलेवा साबित हो सकते हैं। विकासखंड प्रतापपुर कमैंचा मुख्यालय पर कर्मचारियों के रहने के लिए आवासीय परिसर का निर्माण करीब चार दशक पहले कराया गया था। वर्तमान में इन भवनों की हालत बेहद जर्जर है। इनका उपयोग भी जोखिम भरा है। बावजूद इसके विकासखंड मुख्यालय पर तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी इन्हीं भवनों में अपने संबंधित ग्राम पंचायतों का कार्यालय खोल रखे हैं। जर्जर भवनों में ही तमाम जरूरी अभिलेख भी पढ़े हुए हैं। मुख्यालय की मोह जाल में फंसे अधिकारी कभी पूरे सिस्टम पर भारी पड़ सकते हैं। आवसीय भवनों का रखरखाव साफ-सफाई भी नही है। आसपास गंदगी का अंबार लगा है। इस संदर्भ में खंड विकास अधिकारी देव नायक सिंह ने बताया कि सभी संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारियों को आवसीय परिसर खाली करने का नोटिस दिया जा चुका है। अवर अभियंता आरईएस हिमांशु पांडेय ने बताया किए भवन जर्जर है। इन्हें तत्काल खाली किया जाने की रिपोर्ट दी जा चुकी है। इन आवसीय परिसर में रहना निश्चित रूप से जान जोखिम में डालने जैसा है। ग्राम पंचायत अधिकारियो के इन्हीं कार्यालयों में प्रधान समेत आम जनता भी अपने तमाम कार्यों को लेकर के कार्यालय के किसी भी समय बड़ी संख्या में उपस्थित रहते है। कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है।
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