नेशनल हाइवे-44 पर फिर एक तेंदुए की अज्ञात वाहन की टक्कर से दर्दनाक मौत

नेशनल हाइवे-44 पर फिर एक तेंदुए की अज्ञात वाहन की टक्कर से दर्दनाक मौत

एनएच-44 को इको फ्रेंडली हाईवे बताकर जानवरों के आवागमन लिए सुरक्षित बताया गया था

केएमबी नीरज डेहरिया

सिवनी। खवासा बफर के  ग्राम पिपरिया गुरुवार 29 सितंबर लगभग 12 से 1 बजे के बीच एक व्यस्क तेंदुए की मौत की खबर सामने आई। किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मारकर फरार हो गया। मोके पर खवासा बफर के रेंजर राहुल उपाध्याय, डिप्टी रेंजर चौरसिया, थाना कुरई प्रभारी मदन लाल मरावी, ओपी धोलपुरी सहित वन विभाग का अमला सूचना पाते ही मौके पर पहुंचा।एनएच 44 को इको फ्रेंडली नेशनल हाइवे बनाने के बाद भी सड़क पर क्यों आ रहे हैं वन्यजीव? सड़क बनने के पहले ही वन्य जीवों की सुरक्षा को  लेकर पर्यावरण प्रेमियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा कई दिनों की रोक के बाद सड़क मोहगांव से खवासा के बीच के हिस्से को कई तरीके से टुकड़ों टुकड़ों में वन्य प्राणियों के आवागमन को सुगम करने के अनुरूप और कई विकल्प के माध्यम से निर्माणकर्ता एजेंसी द्वारा बनाए गए। इस हाईवे में जानवरो के आवागमन के कई जतन किए जिसमे, अंडर पासेस का निर्माण, साउंडप्रूफ सीट (नोज बैरियर) से कवर्डवाल सहित और भी कई प्रयत्न वन्यजीवों को सड़क में आने से रोकने के लिए  किए गए किंतु इन तमाम उपायों के बावजूद भी आए दिन कोई न कोई वन्यजीव का यातायात से व्यस्त रहने वाले हाईवे मार्ग पर दुर्घटना होके मृत्यु हो जाना क्या वाकई ईको फ्रेंडली हाइवे की परिभाषा को साकार करता है?
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