आत्महत्या एक सामाजिक चुनौती, समाज में आत्महत्या एक गंभीर समस्या
बिछुआ। 10 सितंबर 2022 को शासकीय महाविद्यालय बिछुआ में मध्य प्रदेश आनंद संस्थान के तत्वाधान में "विश्व आत्महत्या निषेध दिवस" का आयोजन किया गया जिसमें प्राचार्य डॉ. पूजा तिवारी ने बताया कि वर्तमान समय में सामूहिक आत्महत्या के केस बहुत ज्यादा केस बढ़ रहे हैं और सबसे ज्यादा बच्चे ऐसा घातक कदम उठा रहे हैं साथ ही उन्होंने आत्महत्या के कारणों एवं उनके निराकरण के बारे में बताया। उन्होंने आत्महत्या की बढ़ती संख्याओं को एक गंभीर चिंतन का विषय बताया। इसी क्रम में मुख्य वक्ता के रूप में समाजशास्त्र विभाग से डॉ. फरहत मंसूरी ने आत्महत्या को एक सामाजिक चुनौती बताते हुए इस समस्या का गंभीर चिंतन प्रस्तुत किया साथ ही उन्होंने इस समस्या की जीवन शैली की बिगड़ती हुई तस्वीर को प्रस्तुत किया और जीवनशैली सुधारने की सलाह दी। डॉ.अनिल अहिरवार सहायक प्राध्यापक रसायन विज्ञान ने इस विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए बताया कि सभी प्राणी अपने जीवन के अंतिम सांस तक अपने जीवन को बचाने के लिए प्रयास करता है। एकमात्र मानव ऐसा प्राणी है जो आत्महत्या को जीवन की समाप्ति के विकल्प के रूप में चयन करता है। यह एक गंभीर चिंतन का विषय है उक्त विषय पर कार्यक्रम संयोजक विभाग अध्यक्ष भौतिक विज्ञान एवं आनंद सहयोगी डॉ.साक्षी सहारे ने विषय की प्रासंगिकता पर अपने विचार प्रस्तुत किए एवं कार्यक्रम का आभार प्रस्तुत किया। उक्त विषय पर संध्या मानमोडे, अभिषेक नोरे, गजानंद विश्वकर्मा ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।कार्यक्रम का मंच संचालन यशोदा उईके सहायक प्राध्यापक अर्थशास्त्र ने किया। कार्यक्रम में शशि उईके, डॉ.अजीत डेहरिया, मीना ठाकरे, कुमारी शिवानी सोनी, डॉ.मनिता कौर विरदी, डॉ.संतोष उपाध्याय, डॉ.एस पी साकेत, अजीत सिंह गौतम, डॉ.एन एल साहू, डॉ विवेक तिवारी, सूर्यकांत शुक्ला, राम प्रकाश डेहरिया एवं दुजारी बोसम आयोजन में महत्वपूर्ण योगदान दिया साथ ही एनसीसी कैडेट्स लोकेश साहू, मनेश भोरिया, नीलेश उईके, सत्यम फलकारे, काजल कड़वे, मनीषा उईके, फिजा शेख, नेहा सवैया, शालिनी मिनोटे, अश्विनी अवथरे, मोनिका कुमरे, विनोद मनमोडे व महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
Tags
विविध समाचार