सुल्तानपुर की ऐतिहासिक दुर्गा पूजा महोत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में
सुल्तानपुर। शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व इस समय जोरों पर है और सुल्तानपुर की ऐतिहासिक दुर्गा पूजा महोत्सव की तैयारियां अपने अंतिम चरण में चल रही हैं। नवरात्रि की दुर्गा सप्तमी तिथि दिन रविवार को नेत्र पूजन के साथ मां दुर्गा की प्रतिमाएं पंडालों की ओर रवाना हुई। भक्तजन मां दुर्गे का पूजन अर्चन पूरे भाव से कर रहे हैं। नवरात्र में आदि शक्ति मां जगदंबा के मंदिरों में भक्तों की कतार भोर से ही लगने लगती है।इस बार सुल्तानपुर में दुर्गा पूजा महोत्सव कुछ खास ही नजर आएगा। उसकी वजह यह कि पंडालों में दिखने वाली दुर्गा प्रतिमाएं कुछ खास चीजों से बनी हैं। सुल्तानपुर की ऐतिहासिक दुर्गा पूजा महोत्सव की शुरुआत वर्ष 1958 में हुई। अनूठे एवं अलग अंदाज में मनाए जाने के कारण सुल्तानपुर के दुर्गा पूजा महोत्सव ने पूरे भारत मे कोलकाता के बाद दूसरे नंबर की जगह बना ली। आज लगभग 5 सौ से ज्यादा दुर्गा प्रतिमाएं शहर सहित ग्रामीण अंचलों में स्थापित की जाती हैं। खास तरीके से भारत के सुप्रसिद्ध मंदिरों की तरह पंडालों को हूबहू रूप दिया जाता है। सुल्तानपुर की ऐतिहासिक दुर्गा पूजा महोत्सव की खास बात यह है कि यह दशहरे से शुरू होकर पूर्णिमा तक चलती है और विसर्जन के साथ ही दुर्गा पूजा महोत्सव का समापन होता है।
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