अभिया कलां गांव में सफाईकर्मी की लापरवाही से लगा गंदगी का अम्बार, राहगीर परेशान
रास्ता होने के बावजूद किसी अन्य रास्ते से होकर जाने को हैं मजबूर जनता
सुल्तानपुर। भदैया उत्तर प्रदेश में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए सभी ग्राम पंचायतों में सफाई कर्मियों की नियुक्ति की गई है। इसके बावजूद गांवों व गलियों की सफाई व्यवस्था ठप पड़ी हुई है। कहीं ग्राम सभा की नालियां बजबजा रही हैं तो कहीं गांव की सड़कों पर हरे भरे घास फूस जाम गए हैं तो कहीं डस्टबिन न होने से कूड़ा का उठान नहीं हो पाता। सफाई कर्मचारियों की मनमानी का हाल यह है कि कई ग्रामीणों को यह भी नहीं पता कि उनके यहां तैनात सफाई कर्मचारी कौन है और कब आते हैं व साफ सफाई कब होती है। यहां तो सभी सफाई कर्मचारी सिर्फ ग्रामप्रधानों के घरों व पंचायत भवन, ब्लॉक का चक्कर लगाकर अपने-अपने घरों को लौट जाते सफाई कर्मचारी। प्रदेश सरकार कुड़ा उठाने कें लिए हर ग्रामसभा में डस्टबिन रखवाने का आदेश दिया था लेकिन इस ग्राम सभा में कुड़ा उठाने के लिए डस्टबिन ही नहीं रखवाया गया है। इस ग्रामसभा में ग्रामप्रधान व सफाई कर्मचारियों की लापरवाही से एक भी डस्टबिन नहीं रक्खा गया हैं। गांव व गलियों में रहने वाले तमाम लोग कूड़ा कचरा उठाएं तो किसमें बहाए। किसी के घर पर बहाए या रोड पर। ग्रामीणों ने ग्रामप्रधान से कूड़ा उठाने के लिए डस्टबिन रखवाने के लिए कहा लेकिन कोई भी अधिकारी व कर्मचारी सुनने को तैयार नहीं हुआ। डस्टबिन न होना और ग्रामसभा में सफाई न होना प्रधान वा ग्राम पंचायत अधिकारी के उपर एक सवाल खड़ा हो रहा है। आखिर में कुड़ा उठाने वाला कुड़ादान क्यूं नहीं रखा गया और कब रखा जाएगा? कब तक गांव की सड़कों पर कुड़ा बहाया जाएगा, क्यूं सफाई कर्मियों ने गांवों में बनी बजबजाती नालियों को साफ करने नहीं आते? कचरा रोड से उड़कर लोगों के घर के दरवाजे तक पहुंच जा रहा है। वहीं अभिया कलां ग्रामपंचायत में तैनात सफाई कर्मचारी महंथराम ने कहा की डीपीआरओ ने मेरा बेतन रोका है, ऐसे में साफ सफाई करने कौन जाएगा?
Tags
विविध समाचार