छठ महापर्व पर व्रत रखी महिलाओं ने सूर्यास्त को अर्घ्य देकर जल सरोवर पर किया पूजन
आजमगढ़। स्थानीय कस्बा मेहनगर में नहाय खाय के साथ शुक्रवार को सूर्योपासना का महापर्व डाला छठ महापर्व आरंभ हो गया। पहले दिन भोजन में लौकी मिश्रित चने की दाल, चावल, रोटी का सेवन करने के साथ व्रत रखने वाली महिलाओें ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर की मन्नतें आस्था का छठ महापर्व पर महिलाओं का मानना है कि छठ मइया सभी लोगों की मनोकामना पूर्ण करती है, चार दिनों तक कठोर तप करते हुए उगते हुए और डुबते सूर्य की उपासना डाला छठ षष्टी तिथि के पूजन की परंपरा प्राचीन समय से ही है। मार्कण्डेय पुराण में छठ पर्व का वर्णन किया गया है, शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव के पुत्र कुमार कार्तिकेय का जन्म तारकासुर वध के लिए हुआ था।जब यह बात तारकासुर को पता चला तो, वह कार्तिकेय को मारने का प्रयास करने लगा, तब पार्वती देवी ने कुमार कार्तिकेय को षष्ठी देवी को सौंप दिया जिन्होंने पालन किया। मेहनगर में लखरांव पोखरा, निरंजन कूटी, करौती, पोखरा, खजूरी में पोखरा, गंजोर में नहर आदि प्रत्येक गांव में सरोवर, तालाब, पोखरा पर व्रत करने वाली महिलाओं ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हुई मनोकामना पूर्ण होने की विनती की।
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