जिला अस्पताल में नहीं थम रही है अव्यवस्था एवं दवाओं में कमीशन का खेल
केएमबी रुखसार अहमद
सुल्तानपुर। जिला अस्पताल में दवाओं में कमीशन व ब्लड, यूरिन आदि की प्राइवेट पैथोलॉजी में कराए जाने का मामला बदस्तूर जारी है। बीते शनिवार को चिकित्सकों के साथ ओपीडी में अनाधिकृत व्यक्ति बैठे देखे गए। इसकी शिकायत मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से की गई तो उन्होंने अपने कक्ष में लगे सीसीटीवी डिस्प्ले बोर्ड पर देखा तो संबंधित चिकित्सकों फोन करके तुरंत ओपीडी कक्ष में बैठे अनाधिकृत व्यक्तियों को हटाने का निर्देश दिया। इस संबंध में ध्यान देने योग्य है कि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के कक्ष में सीसीटीवी डिस्प्ले बोर्ड लगा होने के बावजूद भी चिकित्सकों के ओपीडी कक्ष में अनाधिकृत व्यक्ति डॉक्टर के साथ में बैठे होने पर सीएमएस की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक है। विगत दिनों अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत जिलाधिकारी सुल्तानपुर से भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष द्वारा की गई थी, जिसपर जिलाधिकारी ने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद भी जिला अस्पताल में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। जी हां हम बात कर रहे हैं जिला अस्पताल के डॉक्टर अनिल कुमार की जो कमरा नंबर 7 में बैठते हैं और डॉक्टर वैभव शर्मा की जो कमरा नंबर 11 में बैठते हैं। ओपीडी के समय इन दोनों डाक्टरों के साथ इनके कमरे में अस्पताल के बाहर के दलाल भी बैठे रहते हैं जिसकी पुष्टि सीएमएस द्वारा अपने कक्ष में लगी लगे सीसीटीवी डिस्प्ले बोर्ड को देखकर की गई। अब सवाल यह उठता है कि जब पूरा जिला अस्पताल सीसीटीवी से लैश है तो डाक्टरों के साथ बैठे इन दलालों पर सीएमएस की नजर कैसे नहीं पड़ती? डॉक्टर वैभव शर्मा के सामने उनकी मेज पर अनधिकृत रूप बैठकर एक बाहर का दलाल बाकायदा मरीजों को दवा भी लिखता है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ये अनाधिकृत व्यक्ति इन डाक्टरों के यहां आये मरीजों को बाहर के किलीनिक पर भेजे जाने का खेल करते है। ऐसी परिस्थिति में गरीबों एवं मजदूरों का निशुल्क इलाज कराये जाने की योगी सरकार की मंशा कैसे फलीभूत होगी बड़ा प्रश्न है।
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