राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई कुरई ने लिया प्लास्टिक मुक्त पर्यावरण का संकल्प
सिवनी। शासकीय महाविद्यालय कुरई, सिवनी (मप्र) की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई का दो दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें महाविद्यालय के प्राचार्य बीएस बघेल की उपस्थिति में रासेयो की विस्तृत जानकारी स्वयंसेवकों को प्रदान की गई। इस कार्यक्रम के प्रथम दिवस स्वंयसेवकों को संबोधित करने के लिए जिला संगठक रासेयो डॉ डीपी ग्वालवंशी ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति प्रदान की। कार्यक्रम अधिकारी प्रो. पंकज गहरवार ने करतल ध्वनियों व गुलदस्ते से डॉ डीपी ग्वालवंशी का स्वागत उपस्थित स्टॉफ व स्वंयसेवकों से करवाया। ततपश्चात जिला संगठक डॉ डीपी ग्वालवंशी ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना एक जीवन शैली हैं। रासेयो का उद्देश्य सभी युवा छात्र-छात्राओं को सामुदायिक सेवा गतिविधियों में भाग लेने के लिए अवसर प्रदान करना हैं। स्वंयसेवकों को रामचरितमानस के उदाहरण देते हुए डॉ ग्वालवंशी ने कहा कि हमे जीवन में धैर्य और त्याग की प्रतिमूर्ति बनकर हमें समुदाय की समस्याओं को जानकर उनको हल करने में अपना जीवन लगाना हैं। हम सभी स्वंयसेवकों में सामाजिक और नागरिक जिम्मेदारी की भावना का विकास करना हैं। आप सभी ने कोरोना काल में जिस तरह मास्क बांटे, अस्पताल, वैक्सिनेशन सेंटर में जाकर नागरिकों की सेवा की वह सराहनीय हैं। अब हमें प्लास्टिक मुक्त पर्यावरण का संदेश समाज को देना हैं। प्लास्टिक आज धरती के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुकी हैं। हमें इसका उन्मूलन करना हैं। कार्यक्रम पश्चात रासेयो स्वयंसेवकों ने महाविद्यालय परिसर व सार्वजनिक स्थलों से सिंगल यूज़ प्लास्टिक व प्लास्टिक की बोतलें एकत्रित किया। प्लास्टिक कचरे का एकत्रण कर उसका उचित निस्तारण किया। इस अवसर पर जिला संगठक महोदय ने स्वंयसेवकों के उत्साह व समाजसेवी भाव की सराहना की। अभिमुखीकरण कार्यक्रम के द्वितीय दिवस स्वंयसेवकों को शासकीय महाविद्यालय छपारा के कार्यक्रम अधिकारी डॉ राजेश डेहरिया ने सम्बोधित किया।डॉ राजेश डेहरिया ने स्वंयसेवकों को रासेयो के उद्देश्य, रासेयो के लक्ष्य गीत, रासेयो के आदर्श वाक्य, रासेयो ताली पर विस्तार से जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम अधिकारी पंकज गहरवार ने उपस्थित जिला संगठक डॉ डीपी ग्वालवंशी व कार्यक्रम अधिकारी डॉ राजेश डेहरिया का हार्दिक आभार प्रकट किया। इस अभिमुखीकरण कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रो.पवन सोनिक, श्रीमती तीजेश्वरी पारधी व डॉ कंचनबाला डावर, जयप्रकाश मेरावी का योगदान रहा। स्वंयसेवक अनस खान, योगेश श्रीवास, जितेंद्र मर्सकोले, शिवम शिव, रोहित पन्द्रे, संदीप नेताम ने कार्यक्रम की व्यवस्था को बनाने में सहयोग किया। अंत मे प्रो. गहरवार ने कहा कि "पर्यावरण को प्लास्टिक मुक्त बनाएं, प्लास्टिक युक्त नही"।
Tags
शिक्षा समाचार