मिशन 20 24 के पहले काशी तमिल संगमम के बहाने दक्षिण के राज्यों में भाजपा बना रही है खास रणनीति
वाराणसी। उत्तर प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने मिशन 2024 लोकसभा चुनाव की रणनीति पर काम करने की कवायद शुरू कर दी है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काशी तमिल संगमम में आना और आध्यात्मिक नगरी काशी में तमिल भेषभूषा में नजर आना सबकुछ सोची समझी राजनीति और रणनीति का ही हिस्सा था।पीएम मोदी और भाजपा काशी तमिल संगमम के बहाने दक्षिण के राज्यों में अपनी दखल बढ़ाना चाहते हैं और इसके लिए पीएम मोदी ने धार्मिक एजेंडे को बड़ी मजबूती से पकड़कर काशी से दक्षिण को साधने की कवायद शुरू कर दी है। देश में होने वाले आगामी लोकसभा चुनाव से पहले ही भाजपा ने अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। पीएम मोदी और भाजपा खास रणनीति के तहत आगे बढ़ रहे हैं।देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी में पीएम मोदी का तमिल अवतार में आना और अपने भाषणों में देवाधिदेव महादेव के जरिए काशी और तमिलानाडु को जोड़ने की कवायद उसी का हिस्सा है। भाजपा दक्षिण के लोगों को साधने के लिए खास रणनीति पर काम कर रही है।भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में हिन्दी बेल्ट के कुछ राज्यों में सीटों का नुकसान भी हो सकता है।इसी बात को भांपते हुए भाजपा इस नुकसान की भरपाई दक्षिण से करना चाहती है।दक्षिण के लोगों को धर्म से कनेक्ट करना ज्यादा आसान है क्योंकि वहां के लोग इस मामले में ज्यादा परिपक्व हैं। भाजपा दक्षिण के राज्यों में अपना जनाधार बढ़ाना चाहती है। भाजपा की दक्षिण के राज्यों से अगर सीटें आती हैं तो ये बिहार,एमपी और अन्य राज्यों में होने वाले संभावित नुकसान की भरपाई कर सकते हैं।भाजपा की दक्षिण के राज्यों में पहले से ही हालत पतली है।तेलंगाना हो या आंध्र प्रदेश हो भाजपा के पास सीटें नहीं है।पीएम मोदी के भाषण पर गौर करिए। जिस तरह देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी में पीएम मोदी तमिल पहनावे में नजर आए उसके पीछे भी एक संदेश था। पीएम मोदी भाषणों में काशी और तमिलनाडु का जिक्र बार- बार आना इस बात का संकेत है कि भाजपा किस रणनीति पर आगे बढ़ रही है।
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