वेदों का प्राण तत्व है श्रीमद्भागवत: जगतगुरु राघवाचार्य जी
श्रीमद्भागवत कथा का द्वितीय दिवस
श्रीमद्भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद है
केएमबी कर्मराज द्विवेदी
चाँदा, सुल्तानपुर। कमलाप्रसाद सिंह पीजी कालेज रामगढ़ परिसर मे श्रीमद भागवत महापुराण ज्ञानकथा यज्ञ के दूसरे दिवस मे श्री अवध धाम से पधारे भागवताचार्य जगतगुरु राघवाचार्य जी ने कहा कि श्रीमदभागवत वेदों का प्राण तत्व है। जगद्गुरु ने आगे कि कहा नाम जप ही शास्त्रों का सार है । आज के प्रसंग मे अमर कथा, परीक्षित का प्राकट्य भीष्म का उपदेश के प्रसंग का विस्तार से वर्णन किया। श्रीमदभागवत कथा के महत्व को समझाते हुए कहा कि भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद है, आवश्यकता है निर्मल मन और स्थिर चित्त के साथ कथा श्रवण करने की। भागवत कथा श्रवण से मनुष्य को परमानन्द की प्राप्ति होती है। भागवत कथा श्रवण प्रेतयोनी से मुक्ति मिलती है। इसके पूर्व मुख्य जजमान हनुमान प्रसाद सिंह ने व्यास पीठ की पूजन, माल्यार्पण किया। ड़ॉ अवनीश सिंह, मनीष सिंह, रजनीश सिंह, अखिल सिंह, निखिल सिंह, इंद्रजीत सिंह, मल्ले सिंह ने पुष्पहार भेज किया।संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा को श्रवण करने बड़ी संख्या में भक्तों की उपस्थित रहे।
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