चिंता त्यागिए और चिंतन कीजिए, चिंतन करने से ही मिलेंगे गोविंद- आचार्य काली प्रसाद मिश्र
प्रतापगढ़। रामानुज आश्रम में मार्गशीर्ष मास के दान श्राद्ध की अमावस्या को धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी के गुरु परम पूज्य स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती के भ्राता के वंशज कथा व्यास परम पूज्य आचार्य काली प्रसाद मिश्र गाना पधारे। आपने कहा कि धर्म सम्राट का दिया हुआ उद्घोष धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो, गौ हत्या बंद हो आज पूरी दुनिया के कोने कोने में सुनाई पड़ रहा है। यह प्रतापगढ़ की धरती धन्य है जहां पर धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी एवं परम वैष्णव वैकुंठ वासी श्री श्री 1008 विद्वान स्वामी जी बैकुंठ धाम प्रयाग पीठाधीश्वर का अवतार हुआ। 51 शक्तिपीठों में एक मां वाराही देवी यहीं पर स्थित है। हम जहां भी मंदिर में जाएं तो वहां पर अपनी चिंता को त्याग करके ईश्वर या देवी देवताओं का दर्शन करने के पश्चात चिंतन करें। चिंता को त्यागने और चिंतन करने से गोविंद की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडे अनिरुद्ध रामानुज दास द्वारा आचार्य जी को श्री रामानुज कोट नैमिषारण्य का अंगवस्त्रम भगवान जगन्नाथ जी का महाप्रसाद एवं रामानुज पंचांगम प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में पंडित गिरीश दत्त मिश्रा पूर्व शिक्षक नेता, निर्मला पांडे नारायणी रामानुज दासी प्राचार्य, विश्वम प्रकाश पांडे सहित अनेक भक्तगण उपस्थित रहे।
Tags
विविध समाचार