स्वर कोकिला लता मंगेशकर चौक देखकर भावविभोर हुईं सुप्रसिद्ध गायिका अनुराधा पौडवाल
कहा- मोदी और योगी ने उचित सम्मान दिया
अयोध्या। विख्यात भजन गायिका अनुराधा पौडवाल सोमवार को रामायण मेला की प्रथम सांस्कृतिक संध्या में प्रस्तुति देने के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या पहुंचीं।अनुराधा पौडवाल स्वर सम्राज्ञी, स्वर कोकिला लता मंगेशकर चौक पहुंचीं और शिलापट्ट पर माल्यार्पण कर उनकी स्मृति में श्रद्धांजलि अर्पित की। अपनी पूर्ववर्ती शीर्ष गायिका के नाम से राम नगरी में स्थापित चौक देखकर वह भाव-विभोर हो गईं।अनुराधा पौडवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लता मंगेशकर चौक के जरिए भारत रत्न लता मंगेशकर को उचित सम्मान दिया गया है। बता दें कि भारत रत्न स्वर सम्राज्ञी स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन के बाद रामनगरी अयोध्या के नया घाट चौराहे को लता मंगेशकर चौक के रूप में विकसित किया गया है। चौराहे पर विशालकाय एक वीणा लगाई गई है और इसे लता मंगेशकर चौक का नाम दिया गया है।रामनगरी अयोध्या की ह्रदय स्थली कहा जाने वाला नया घाट क्षेत्र में बनाया गया। लता मंगेशकर चौक पर श्रद्धालुओं के पहुंचने के साथ ही इस बात का आभास हो जाता है कि वह लता मंगेशकर के चौक पर पहुंच चुके हैं। चौक पर मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम और महाबली बजरंगबली का भजन लगातार बजता रहता है। विख्यात भजन गायिका अनुराधा पौडवाल ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का काम जब से शुरू हुआ है, तब से सभी में बहुत ज्यादा उत्साह है। हर एक इंसान के मन में राम मंदिर के लिए श्रद्धा और भावना है। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के बाद पूरी दुनिया के लोग अयोध्या आएंगे। पूरी दुनिया की निगाहें राम मंदिर पर हैं कि कब भव्य रामलला के मंदिर में रामलला का दर्शन होगा। इसी उम्मीद और आस्था के साथ मैं भी आती रहती हूं। अनुराधा पौडवाल ने कहा कि मुझे बहुत ही अच्छा लगता है, जब भी मैं यंहा आती हूं। आज लता मंगेशकर चौक पर आने का मुझे मौका मिला है, बहुत ही अच्छा लगा।उन्होंने कहा कि भारत रत्न लता मंगेशकर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उचित सम्मान दिया है।यह बहुत ही अच्छी बात है। संगीत और भगवान का बहुत ही नजदीक का रिश्ता है। लता मंगेशकर गान सरस्वती थी, लता जी अपने आप में गंधर्व थी। अयोध्या में सुरों को सम्मानित किया गया, यह बहुत ही अच्छी बात है। स्वर कोकिला लता मंगेशकर को भारत सरकार ने भारत रत्न से तो सन 2001 में नवाज़ा, लेकिन भारत की जनता के दिलों में लता मंगेशकर एक अनमोल रत्न, एक बेशक़ीमती रत्न के रूप में पिछले पचहत्तर वर्षों से काबिज हैं। देशवासियों के साथ-साथ बेशुमार संगीत हस्तियों ने लता मंगेशकर की आवाज पर तारीफों के सुर बिखेरे, शायरों ने कसीदे पढ़े़, लेखकों ने किताबों के अंबार लगा दिए, अखबारों को जब भी मौका मिला अपने पन्ने लता मंगेशकर के सुरीले, मीठे और सदाबहार गीतों से संगीतमय बना दिए।
सचमुच हजारों-हजार ऐसी मिसालें हैं, जो यह साबित करती हैं कि लता मंगेशकर की आवाज में हिंदुस्तान का दिल धड़़कता है, देश की हर मां, बहन, प्रेमिका, पत्नी, बेटी, बहू, सहेली, भाभी, साली, ननद के खयालों को लता मंगेशकर की आवाज में आवाज मिलती है। लता मंगेशकर की आवाज में उन्हें सुकून मिलता है, उनकी खुशी उमड़़ पड़़ती है, उनका दर्द छलक आता है, उनकी वेदना तड़़प उठती है, उनकी दुहाई बिलख उठती है, उनकी पुकार सिहर उठती है। लता मंगेशकर की आवाज में मिलन को बेचैन एक प्रेमिका की इल्तिजा को आवाज मिलती है, तो जुदाई में विरह-वेदना में तड़़पती प्रेमिका की आह को स्वर मिलता है। लता मंगेशकर की आवाज में अठखेलियां हैं, शोखियां हैं, खुशी है, पीड़ा है और दर्द भी है। लता मंगेशकर की आवाज में समाज से जुड़ा सरोकार भी है, अभागन नारी की दुहाई है, तो पतिता की वेदना भी है, अत्याचार और ज़ुल्म के ख़िलाफ उठी हुंकार है, तो समाज को दिशा देती आशा की किरण भी है। भारत क्या लता मंगेशकर की आवाज में तो सारे उपमहाद्वीप का दिल धड़़कता है, क्योंकि पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान, श्रीलंका जैसे देशों में लता मंगेशकर की आवाज दिलोजान से सुनी जाती है, सराही जाती है और दिल में बसाई जाती है। लता मंगेशकर दुनिया भर के लिए स्वर साम्राज्ञी और स्वर कोकिला कहलाईं।
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