गोरखपुर में अचानक बढ़े कबाड़ी, कहीं ये रोहिंग्या या बांग्लादेशी तो नहीं
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में कुछ महिने से कबाड़ियों की संख्या बढ़ गई है। गोरखपुर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल रामगढ़ताल है।यहां हजारों की संख्या में लोग आते हैं। रामगढ़ताल के किनारे 40 से ज्यादा परिवार झोपड़ी डालकर रहते हैं।स्थानीय लोगों ने इनकी पुलिस से शिकायक करते हुए बांग्लादेशी या रोहिंग्या होने की आशंका जताई है। इसी तरह कबाड़ी का काम करने वाले भारी संख्या में पूरे शहर में फैले हैं और जगह-जगह झोपड़ी डालकर रहते हैं। कूड़ाघाट, दिव्यनगर, पादरी बाजार, आवास विकास कालोनी सहित शहर के विभिन्न क्षेत्रों में कबाड़ी का काम करने वाले इन लोगों को देखा जा सकता है। इसमें से अधिकतर सड़कों के किनारे या खाली जगहों पर अपनी झोपड़ी डालकर रहते हैं। बहुत सारे ऐसे भी है जो किराए के मकान में रह रहे हैं। इनके पास पहचान के लिए कोई भी आवश्यक कागजात नहीं हैं। ऐसे में ये लोग कहां से आए हुए हैं इसका कोई प्रमाण नहीं है। जो सुरक्षा को लेकर एक चुनौती है। कबाड़ी का काम करने वाले ये लोग अगर किसी घटना को अंजाम देकर यहां से फरार हो जाते हैं तो इनको पकड़ना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाएगी। कैंट क्षेत्र में रहने वाले लोगों ने पुलिस से इन अनजान लोगों की शिकायत की है। लोगों ने जब इन अनजान लोगों से पूछा कि वह कहां के रहने वाले हैं तो उन्होंने असम का बताया, लेकिन इनके पास कोई पहचान पत्र नहीं है। एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि इन अनजान लोगों की जानकारी मिली है। इन सभी लोगों का सत्यापन कराया जाएगा और यहां आने के कारणों का भी पता लगाया जाएगा। नाम पता छिपाकर यहां रहने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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