पकड़ा गया जिला अस्पताल से बाहर जा रहा गद्दा, चद्दर व तकिया, सीएमएस ने नोटिस जारी कर झाड़ा पल्ला
केएमबी रुखसार अहमद
सुलतानपुर। जिला अस्पताल में एक से बढ़कर एक अजीबोगरीब कारनामा सामने आता ही रहता है। कभी मरीजों के खून आदि का सैंपल निजी पैथोलॉजी संचालकों द्वारा किए जाने का मामला हो या चिकित्सकों द्वारा मरीजों को बाहर की दवाई लिखने का मामला हो, सीएमएस जिला अस्पताल की अव्यवस्था पर अंकुश लगाने में विफल ही रहे हैं। ताजा मामला जिला अस्पताल से चोरी से बाहर ले जाते समय गद्दा, तकिया व चद्दर के पकड़े जाने का मामला सामने आया है।
बैट्री रिक्शा पर लदा लाखों रुपए का नया गद्दा, तकिया व चद्दर पकड़ा गया है। अस्पताल में तैनात मैट्रन कुसुम तारा सिंह द्वारा लाखों रुपये का गद्दा तकिया दिया गया था। जिला अस्पताल की पूर्व मैट्रन दुर्गा पाल द्वारा चोरी से बैट्री रिक्शे पर ले जाया जा रहा था। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा० एस सी.कौशल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मैट्रन कुसुम तारा सिंह के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। मामले में नोटिस जारी कर संबंधित मेट्रन से स्पष्टीकरण मांगा गया है। मालूम हो कि विगत दिनों जिला अस्पताल की ओपीडी में अनाधिकृत व्यक्तियों के डॉक्टर के ओपीडी कक्ष में पाए जाने की शिकायत सीएमएस से की गई थी तो उस मामले में भी सीएमएस द्वारा कार्यवाही करने की बात कहीं गई थी लेकिन आज भी ये अनाधिकृत व्यक्ति लगभग सभी चिकित्सकों की ओपीडी कक्ष में बैठकर चिकित्सकों की मिलीभगत से दूरदराज क्षेत्रों से आए लाचार एवं मजबूर मरीजों का शोषण धड़ल्ले से कर रहे है। यहां तक कि निजी पैथोलॉजी संचालक जिला अस्पताल के चिकित्सकों की सांठगांठ से मरीजों के खून आदि का सैंपल लेकर निजी पैथोलॉजी में जांच करते हैं जबकि जिला अस्पताल में स्वयं की पैथोलॉजी मौजूद है। सीएमएस से जब भी किसी मामले में कोई शिकायत की जाती है तो कार्रवाई करने के बजाय जांच का बहाना कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं। राउंड पर चिकित्सक जब मरीजों को देखने के लिए वार्ड में जाते हैं तो निजी पैथोलॉजी संचालक या उनके नुमाइंदे भी साथ होते हैं जो मरीजों की खून आदि का सैंपल लेकर जांच के लिए अपनी निजी पैथोलॉजी को भेजते हैं। सीएमएस सब कुछ जानते हुए भी अनजान बने रहते हैं।
बैट्री रिक्शा पर लदा लाखों रुपए का नया गद्दा, तकिया व चद्दर पकड़ा गया है। अस्पताल में तैनात मैट्रन कुसुम तारा सिंह द्वारा लाखों रुपये का गद्दा तकिया दिया गया था। जिला अस्पताल की पूर्व मैट्रन दुर्गा पाल द्वारा चोरी से बैट्री रिक्शे पर ले जाया जा रहा था। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा० एस सी.कौशल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मैट्रन कुसुम तारा सिंह के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। मामले में नोटिस जारी कर संबंधित मेट्रन से स्पष्टीकरण मांगा गया है। मालूम हो कि विगत दिनों जिला अस्पताल की ओपीडी में अनाधिकृत व्यक्तियों के डॉक्टर के ओपीडी कक्ष में पाए जाने की शिकायत सीएमएस से की गई थी तो उस मामले में भी सीएमएस द्वारा कार्यवाही करने की बात कहीं गई थी लेकिन आज भी ये अनाधिकृत व्यक्ति लगभग सभी चिकित्सकों की ओपीडी कक्ष में बैठकर चिकित्सकों की मिलीभगत से दूरदराज क्षेत्रों से आए लाचार एवं मजबूर मरीजों का शोषण धड़ल्ले से कर रहे है। यहां तक कि निजी पैथोलॉजी संचालक जिला अस्पताल के चिकित्सकों की सांठगांठ से मरीजों के खून आदि का सैंपल लेकर निजी पैथोलॉजी में जांच करते हैं जबकि जिला अस्पताल में स्वयं की पैथोलॉजी मौजूद है। सीएमएस से जब भी किसी मामले में कोई शिकायत की जाती है तो कार्रवाई करने के बजाय जांच का बहाना कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं। राउंड पर चिकित्सक जब मरीजों को देखने के लिए वार्ड में जाते हैं तो निजी पैथोलॉजी संचालक या उनके नुमाइंदे भी साथ होते हैं जो मरीजों की खून आदि का सैंपल लेकर जांच के लिए अपनी निजी पैथोलॉजी को भेजते हैं। सीएमएस सब कुछ जानते हुए भी अनजान बने रहते हैं।
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