बसपा सुप्रीमो मायावती ने जेलों में कमजोर वर्ग के विचाराधीन कैदियों की भरमार पर जतायी चिंता

बसपा सुप्रीमो मायावती ने जेलों में कमजोर वर्ग के विचाराधीन कैदियों की भरमार पर जतायी चिंता

केएमबी मोहम्मद अफसर

लखनऊ। पूर्व मुख्यमंत्री बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने देश की जेलों में बंद कमजोर तबके के विचाराधीन कैदियों की संख्या को लेकर चिंता जतायी है।मायावती ने रविवार को ट्वीट करते हुए कहा कि देश की जेलों में गरीब,अशिक्षित और कमजोर वर्ग के मामूली अपराधों वाले विचाराधीन कैदियों की भरमार है,जिनकी हालत अधिकतर दयनीय व अमानवीय है।

कैदियों की हालत पर मायावती ने जताया दुख

बसपा मुखिया मायावती ने ट्वीट कर आगे लिखा कि कैदियों की ये स्थिति अपने लोकतांत्रिक देश के लिए दुःख व चिन्ता की बात है। इसके निदान के लिए मानवीय दृष्टिकोण व कानून के राज की सही प्रक्रिया व कार्रवाई जरूरी है।उन्होंने आगे लिखा कि और अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा संविधान दिवस पर कल देश के कर्ताधर्ता व नीति निर्धारकों के सामने इस राष्ट्रीय मुद्दे पर चिन्ता व्यक्त करना उचित एवं विचारणीय है। देश विकास की ओर,ऐसे में और जेलों की क्या जरूरत। उनके इस मूलभूत प्रश्न पर समुचित विचार व कार्रवाई जरूरी है।

महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार का किया घेराव

बता दें कि देश और प्रदेश में बढ़ती समस्याओं पर बसपा मुखिया मायावती का यह पहला ट्वीट नहीं है। पहले भी मायावती बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरती रहीं हैं।इससे पहले मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा था कि देश में व्याप्त गरीबी और पिछड़ेपन के लाचार जीवन में महंगाई की मार तथा बेरोजगारी से त्रस्त मेहनतकश लोग हर दिन आटा, दाल-चावल व नमक-तेल आदि के महंगे दाम को लेकर सरकार को कोसते रहते हैं,किन्तु वह इसका जवाब देने व उपाय ढूंढ़ने के बजाय ज्यादातर खामोश बनी रहती है, ऐसा क्यों। बसपा मुखिया मायावती ने आगे लिखा था कि अब आटा का दाम भी एक साल में काफी महंगा होकर लगभग 37 रुपए प्रति किलो तक पहुंच जाने से लोगों में बेचैनी, हताशा व निराशा है, तो ऐसे में सरकार को अपनी निश्चिन्तता व लापरवाही आदि त्यागकर, इसके समाधान के गंभीर उपाय में जी-जान से जुट जाना ही समय की सबसे बड़ी मांग।मायावती ने लिखा था कि भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश में यहां वर्षों से व्याप्त विचलित करने वाली गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई आदि अब असली राजनीतिक एवं चुनावी चिन्ता नहीं रही है, तब भी सभी सरकारों को इनके प्रति उदासीन बने रहकर देश की प्रगति व जनता की उन्नति में रोड़ा बने रहना अनुचित व दुःखद।
और नया पुराने

Ads

विज्ञापन लगवायें

अपना विज्ञापन हमें भेजें व्हाट्सएप नं० 9415968722 पर

1 / 7
2 / 7
3 / 7
4 / 7
5 / 7
6 / 7
7 / 7

Ads

अपना विज्ञापन हमें भेजें व्हाट्सएप नं० 9415968722 पर

विज्ञापन लगवायें!!! S-1

1 / 3
2 / 3
3 / 3

विज्ञापन लगवायें!!! S-2

1 / 3
2 / 3
3 / 3
Description of Image 1

विज्ञापन लगवायें!!!

Description of Image 2

Description of Image 3

نموذج الاتصال