दोनों हाथ से दिव्यांग खुशबू कुमारी की योगी आदित्यनाथ सरकार की योजनाओं से टूटी उम्मीद
प्रतापगढ़। उत्तर प्रदेश के सबसे बड़का जिला के नाम से चर्चित प्रतापगढ़ जिला, जहां पर एक कहावत सदियों से चली आ रही है की सौ पढा़ एक प्रतापगढ़ा और इसी कहावत को प्रतापगढ़ जनपद के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस बात को बड़े गौरव के साथ बयां किए थे, और इस कहावत का भावार्थ यही निकलकर सामने आता है कि एक प्रतापगढ़ा सौ पढ़ा पर भारी पडा। उसी प्रतापगढ़ चर्चित बड़का जिला प्रतापगढ़ जिला की एक बेटी अपने दोनों हाथ से लगभग 6 वर्ष की आयु में ही दिव्यांग हो गई थी। ट्यूबल की मशीन के चपेट में आ जाने से बचपन में ही दोनों हाथ कट गया था। पीड़िता खुशबू कुमारी पिता श्यामलाल निवासिनी गांव सभा बिबियाकरन पुर की रहने वाली हैं। गांव से लेकर तहसील, विकासखंड, जनपद एवं उत्तर प्रदेश सरकार के जिम्मेदार अधिकारी दिव्यांग खुशबू कुमारी के मदद करने के लिए सभी जिम्मेदार अधिकारी अनजान बने हैं। पट्टी तहसील के अंतर्गत आता है गांव सभा बिबियाकरन पुर विकासखंड बाबा बेलखरनाथ धाम जनपद प्रतापगढ़ में अपने दोनों हाथ से दिव्यांग खुशबू कुमारी सरकार के बिना किसी योजनाओं से अपना जीवन यापन कर रही है। वर्तमान सरकार व मशहूर समाजसेवी, एवं जाति के नाम पर ताल ठोकने वाली बसपा गरीब परिवार की मदद से अनजान बने हैं। दिव्यांग खुशबू कुमारी के घर में लगभग 50 वर्षों से हैंडपंप नही है जबकि सभी प्राणियों के लिए एवं जीव जंतु के लिए जल ही जीवन है। इसके बावजूद भी 50 वर्षों से दिव्यांग खुशबू कुमारी कि मदद के लिए सभी जिम्मेदार अधिकारी मूकदर्शक बने हुए है। योगी सरकार के किए गए बड़े-बड़े दावे सब फेल हो गए हैं एवं स्थानीय नेताओं की उपेक्षा शिकार हो गई है खुशबू कुमारी, हकीकत यह है कि खुशबू के घर अभी तक मदद के लिए कोई पहुंचा ही नहीं। सूत्रों की माने तो कई अखबारों में प्रकाशित किया गया है खुशबू की समस्या उसके बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारी नही जाग रहे हैं। सभी मौसम में समाजसेवी मदद के लिए रहते हैं आगे लेकिन बचपन से चली आ रही दिव्यांग खुशबू की मदद के लिए कोई सामने नहीं आ रहे हैं। दिव्यांग जनों के लिए स्पेशल वरीयता योगी सरकार के निर्देश लेकिन जिम्मेदार अधिकारी सरकार के निर्देशों का घोर उल्लंघन कर रहे हैं। शिक्षा के माने में भी आगे हैं खुशबू कुमारी बीएड करके लखनऊ यूनिवर्सिटी से आगे की कर रही हैं। एक तरफ पढ़ाई की तैयारी तो दूसरी तरफ दोनों हाथ से दिव्यांग मानो कि पहाड़ टूट पड़ा है लेकिन इसके बावजूद भी अपनी जिंदगी की संघर्ष से पीछे नहीं है। देखने वाली बात है कि दिव्यांग खुशबू की मदद के लिए भाजपा सरकार का कोई नुमाइंदा सामने आता है अथवा खुशबू इसी तरह संघर्षपूर्ण जीवन जीती रहेगी।
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