स्वामी विवेकानंद एक व्यक्ति नही अपितु दर्शन है- डॉ अर्जुन पाण्डेय
अमेठी। वृहस्पतिवार 12 जनवरी को नगर स्थित ओमनगर में अवधी साहित्य संस्थान अमेठी की ओर से स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित संगोष्ठी का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती एवं स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजा अर्चना के साथ हुआ। विषय का प्रवर्तन करते हुए अध्यक्ष अवधी साहित्य संस्थान डॉ अर्जुन पाण्डेय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने दुनिया को जो संदेश दिया वह सदैव प्रासंगिक रहेगा। युवाओं को उन्हें पढ़कर अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होना चाहिए। स्वामी जी ने मानवता की सेवा को ही दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बताया।
मुख्य अतिथि पूर्व प्राचार्य सत्येन्द्र प्रकाश शुक्ल ने कहा जीवन एक सतत सीखने की प्रक्रिया के दौर से गुजरता है। युवाओं को अपने अभीष्ट लक्ष्य प्राप्ति के लिए स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरणा लेनी चाहिए। अध्यक्षता करते हुए कौशल कुमार मिश्र ने कहा युवा हृदय उच्छृंखल होता है इसे विचारवान बनाने के लिए सही प्लेटफार्म की जरूरत है। वहीं युवा साहित्यकार विवेक मिश्र ने 'जीत-मात नुकसान-नफ़ा जीवन का ताना-बाना है सुनाकर युवाओं को प्रेरित किया तथा हिमांशु प्रखर ने स्वामी विवेकानंद के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर अखिलेश मिश्र, असविंद मिश्र, नन्हे मिश्र आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ।
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