चाइनीज डोर में कई घंटे तक फंसा रहा उल्लू, वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर बचाई जान
सिवनी। जिले में एक विलुप्त प्रजाति का सफेद उल्लू चाइनीज डोर में फंस गया,जिसके कारण वह जज कॉलोनी स्थित पीपल के पेड़ पर आकर बैठ गया। सफेद उल्लू कई घंटों तक तड़पता रहा, बाद में वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर जान बचाई।मध्यप्रदेश सरकार लगातार चाइना डोर की बिक्री पर प्रतिबंध लगा रही है, इसके बाद भी लोग चाइनीज मांझे के खरीद बिक्री से बाज नहीं आ रहे हैं। जिला प्रशासन ने चाइनीज मांझे के उपयोग पर अभी तक प्रतिबंध नहीं लगाया है। जिला प्रशासन चाइनीज मांझे की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाने में नाकाम साबित हुआ है। यही कारण है कि मकर संक्रांति के दिन और इससे पहले भी कई हादसे चाइना डोर के कारण हो रहे हैं। कई पक्षी अपनी जान गवां रहे हैं।कई लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं। चाइना डोर में फंसा सफेद उल्लू इन दिनों शहर में चाइना डोर से घायल होने की घटनाएं सामने आ रही हैं। घटना पर लगाम लगाने के लिए मेड इन चाइना मांझा बेचने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नही की जा रही है, जिसके कारण आमजन चाइना डोर से पतंग उड़ाने से बाज नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला नगर के पुरानी डिसलरी बरघाट नाका स्थित जज कॉलोनी से सामने आया है। जहां चाइनीज मांझे की वजह से एक विलुप्त प्रजाति का सफेद उल्लू इसमें फंस गया था। कई घंटे तक अपनी जान बचाने के लिए पीपल के पेड़ पर बैठा उल्लू फड़फड़ाता रहा,वहीं जज कॉलोनी में निवासरत ठाकुर प्रसाद मालवीय वित्तीय व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खंड (जिला रजिस्ट्रार) की नजर तड़पते हुए उल्लू पर पड़ी तब उन्होंने वन विभाग को तुरंत फोन किया। तब कहीं जाकर मौके पर रेस्क्यू टीम पहुंची जिसमे भूपेंद्र सिंह ठाकुर, अर्पित मिश्रा पहुंचे। और चाइना मांझा से उल्लू को मुक्त कराने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। आधे घंटे के रेस्क्यू के बाद उल्लू को चाइनीज मांझे से मुक्त कर लिया गया। इसके बाद वन विभाग की टीम उल्लू को अपने साथ ले गई और उसका उपचार करवाया।
सिवनी। जिले में एक विलुप्त प्रजाति का सफेद उल्लू चाइनीज डोर में फंस गया,जिसके कारण वह जज कॉलोनी स्थित पीपल के पेड़ पर आकर बैठ गया। सफेद उल्लू कई घंटों तक तड़पता रहा, बाद में वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर जान बचाई।मध्यप्रदेश सरकार लगातार चाइना डोर की बिक्री पर प्रतिबंध लगा रही है, इसके बाद भी लोग चाइनीज मांझे के खरीद बिक्री से बाज नहीं आ रहे हैं। जिला प्रशासन ने चाइनीज मांझे के उपयोग पर अभी तक प्रतिबंध नहीं लगाया है। जिला प्रशासन चाइनीज मांझे की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाने में नाकाम साबित हुआ है। यही कारण है कि मकर संक्रांति के दिन और इससे पहले भी कई हादसे चाइना डोर के कारण हो रहे हैं। कई पक्षी अपनी जान गवां रहे हैं।कई लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं। चाइना डोर में फंसा सफेद उल्लू इन दिनों शहर में चाइना डोर से घायल होने की घटनाएं सामने आ रही हैं। घटना पर लगाम लगाने के लिए मेड इन चाइना मांझा बेचने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नही की जा रही है, जिसके कारण आमजन चाइना डोर से पतंग उड़ाने से बाज नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला नगर के पुरानी डिसलरी बरघाट नाका स्थित जज कॉलोनी से सामने आया है। जहां चाइनीज मांझे की वजह से एक विलुप्त प्रजाति का सफेद उल्लू इसमें फंस गया था। कई घंटे तक अपनी जान बचाने के लिए पीपल के पेड़ पर बैठा उल्लू फड़फड़ाता रहा,वहीं जज कॉलोनी में निवासरत ठाकुर प्रसाद मालवीय वित्तीय व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खंड (जिला रजिस्ट्रार) की नजर तड़पते हुए उल्लू पर पड़ी तब उन्होंने वन विभाग को तुरंत फोन किया। तब कहीं जाकर मौके पर रेस्क्यू टीम पहुंची जिसमे भूपेंद्र सिंह ठाकुर, अर्पित मिश्रा पहुंचे। और चाइना मांझा से उल्लू को मुक्त कराने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। आधे घंटे के रेस्क्यू के बाद उल्लू को चाइनीज मांझे से मुक्त कर लिया गया। इसके बाद वन विभाग की टीम उल्लू को अपने साथ ले गई और उसका उपचार करवाया।
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