केंद्रीय वित्तमंत्री ने वर्ष 2023 के बजट में की कई बड़ी घोषणाएं, किसानों को एक फिर किया गया निराश
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2023-24 आज बुधवार को पेश किया। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह आखिरी पूर्ण बजट है। बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपना भाषण शुरू किया।इस दौरान भारत जोड़ो के नारे भी लगे।वित्त मंत्री ने इस दौरान अपना भाषण जारी रखा। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पूर्वोत्तर के विकास पर जोर रहेगा। नीतियों में वंचितों को वरीयता दी जाएगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव की घोषणा की है।वित्त मंत्री ने राहत देते हुए घोषणा किया है कि अब 7 लाख रुपए तक की सालाना कमाई तक कोई टैक्स नहीं देना होगा।बता दें पहले यह सीमा पांच लाख रुपए की थी।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान शुरू की गई है। सदियों तक शिल्पकारों ने अपने हाथों से चीजें रचकर भारत को प्रसिद्धि दिलाई है। वो जो बनाते हैं, उसमें आत्मनिर्भर भारत की सच्ची आत्मा है। इस नई योजना के जरिए उनकी बनाई चीजों की गुणवत्ता में सुधार आएगा और बाजार तक उनकी पहुंच बढ़ेगी। उन्हें स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी, ब्रांड प्रमोशन हो सकेगा। इससे बड़े पैमाने पर महिलाओं, अन्य पिछड़ा वर्ग को फायदा मिलेगा। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि हम हरित ईंधन, हरित ऊर्जा, हरित खेती जैसी कई योजनाएं चला रहे हैं। इन हरित प्रयासों से कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद मिली है और ग्रीन जॉब के मौके बढ़ रहे हैं।उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान हमने यह सुनिश्चित किया कि किसी का पेट खाली न रहे। 28 महीनों तक 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दिया गया। दो लाख करोड़ रुपए की खर्च कर अगले एक साल में हम जरूरतमंद परिवारों को मुफ्त खाद्यान्न देंगे। 2014 के बाद से हमारे प्रयासों की वजह से लोगों का जीवन बेहतर हुआ है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देते हुए कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि से जुड़े स्टार्ट अप में युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि त्वरक कोष की स्थापना की जाएगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीएम आवास योजना के परिव्यय को 66% बढ़ाकर 79,000 करोड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में 35 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 20,700 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि युवाओं को अंतरराष्ट्रीय अवसरों के लिए कुशल बनाने के लिए विभिन्न राज्यों में 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मोबाइल और टीवी के दाम सस्ते होंगे।वरिष्ठ नागरिक खाता स्कीम की सीमा 4.5 लाख से 9 लाख की जाएगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि महिला सम्मान बचत पत्र योजना शुरू होगी। इसमें महिलाओं को 2 लाख की बचत पर 7.5% का ब्याज़ मिलेगा। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए पीएम प्रणाम योजना की शुरूआत की जाएगी। गोबरधन स्कीम के तहत 500 नए संयंत्रों की स्थापना की जाएगी
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि बजट निराशाजनक है। किसानों को कर्ज देने की बात हो रही है जबकि किसानों को राहत दी जानी चाहिए थी। आने वाले समय में लैंड बैंक बनेंगे। किसानों की भूमि पर कब्जा कर लिया जाएगा। कर्ज के बोझ तले दबे किसान आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम की ओर बढ़ेंगे। बता दें कि आज के बजट से किसानों को काफी उम्मीदें थीं कि शायद केंद्र सरकार उनकी आर्थिक दशा सुधारने के लिए भी कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं लेकर आए। बीते कई वर्षों में किसानों की आमदनी बढ़ाने को लेकर बजट में लाभकारी योजनाओं को शामिल नहीं किया गया है। एक-दो योजनाएं ही किसानों के हित में नजर आईं, लेकिन वो भी महज कागजों तक ही सीमित रहीं। उसका किसानों को पूरा लाभ नहीं मिल पाया। किसानों को इसका भी अनुमान था कि 2024 के चुनाव को देखते हुए ही सही किसानों के हित में सरकार कुछ कदम उठाएगी। लेकिन किसान नेताओं ने किसानों के लिहाज से इस बजट को निराशाजनक बताया। बजट ने फिर देशवासियों को निराश करने का काम किया है। सरचार्ज 37 से घटाकर 25 प्रतिशत करना स्पष्ट है कि बजट केवल बड़े उद्यमियों के लिए बनाया गया। आम जनता के लिए इस बजट में कुछ नही है। दो कर व्यवस्थाओं को लागू कर जनता को केवल परेशानियों का सामना ही करना पड़ेगा।
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