बल्दीराय के हैधना कला में चल रही है सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा को सुन जीवन को कृतार्थ कर रहे हैं भक्त
बल्दीराय सुलतानपुर। श्रीमद्भागवत पुराण 18 पुराणों में से एक है इसके श्रवण मात्र से मनुष्य की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। उक्त उद्गार आज यहा बल्दीराय तहसील के ग्राम हैधनाकला के पंडित राजित राम के आवास पर चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के दौरान वृंदावन से आए पंडित राजकुमार शास्त्री ने व्यक्त किए।कथा के दौरान पंडित राजकुमार शास्त्री ने कहा कि
मनु सतरूपा के 5 संताने हुई थी इनमें से 2 पुत्र प्रियवर तथा उत्तानपाद तथा 3 कन्याएं आकृति देवहूति और प्रसूति थी आकृति का विवाह रुचि प्रजापति के साथ हुआ था इनके पुत्र यज्ञ हुए यज्ञ का विवाह
दक्षिणा के साथ हुआ यज्ञ महाराज विष्णु के अवतार माने जाते हैं दक्षिणा लक्ष्मी स्वरूपा हैं यज्ञ की पूर्णाहुति के पश्चात दक्षिणा दिए बिना यज्ञ का फल मनुष्य को प्राप्त नहीं होता है इन्हीं 3 कन्याओं में से मानव की वृद्धि हुई है। कथा व्यास ने कहा कि जड़ भरत पूरी पृथ्वी पर इकलौते राजा थे उन्हीं के नाम से भारत देश प्रख्यात हुआ है। कथा के अंतिम में मुख्य यजमान पंडित राजितराम ने कथा व्यास की आरती उतारी। आरती के पश्चात प्रसाद का वितरण करवाया गया। इस अवसर पर पूर्व प्रधान नरेंद्र बहादुर सिंह मानसिंह अनीता पूजा शिव बहादुर तिवारी अमरबहादुर सिह जगजीवन शुक्ला राज नारायण शुक्ला राम सजीवन शुक्ला सोनू मिश्रा ज्योतिषा कुमारी राजकुमारी फूल करी किरण साधना सुमन मनीषा रेखा सहित बड़ी संख्या में क्षेत्र के श्रोतागण मौजूद रहे। कथा व्यास गद्दी के बगल विनय जी मधुकर महाराज ने भजन संध्या के माध्यम से समस्त श्रोताओं का मन मोह लिया। कथा प्रांगण में धार्मिक भजनों की धूम रही मधुकर जी महाराज द्वारा समय-समय पर श्रोताओं को भजन कीर्तन का आनंद कराते रहे। अंतरराष्ट्रीय प्रख्यात गायक कथा वाचक मधुकर जी महाराज द्वारा अपनी मधुर वाणी के जरिए श्रोताओं को भजन संध्या का रसपान कराया। मधुकर जी महाराज के मुख से निकले भजन के एक-एक स्वर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।
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