विशेषाधिकार हनन मामले में दोषी पुलिसकर्मियों को 1 दिन की सजा का ऐलान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को विशेषाधिकार हनन के मामले में छह पुलिसकर्मियों को एक दिन कारावास की सजा सुनाई गई है।यह सजा 3 मार्च रात 12 बजे तक होगी। शुक्रवार को सदन में लगी अदालत के दौरान सतीश महाना ने सभी दलों के नेताओं से इस मामले में पक्ष पूछा। ज्यादातर सदस्यों ने अध्यक्ष को निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया। सदन में मौजूद दोषी पुलिसकर्मियों को अपनी सफाई में बोलने का मौका दिया। इस दौरान दोषी सीओ अब्दुल समद ने अपनी सभी की तरफ से सदन से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि ऐसी गलती भविष्य में नहीं होगी।इससे पहले अखिलेश से जब सदन के बाहर जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह गलत परंपरा है। दोषी पुलिसकर्मियों में प्रमुख रूप से सीओ अब्दुल समद के अलावा किदवई नगर के थानाध्यक्ष ऋषिकांत शुक्ला, एसआई थाना कोतवाली त्रिलोकी सिंह, किदवई नगर थाने के सिपाही छोटे सिंह यादव, काकादेव थाने के सिपाही विनोद मिश्र और काकादेव थाने के सिपाही मेहरबान सिंह शामिल हैं। सभी कानपुर में उस वक्त शहर के ही विभिन्न थानों में तैनात थे। सलिल विश्नोई का पैर टूट गया था। इस मामले में जिनके साथ यह घटना घटित हुई उस समय के विधायक और वर्तमान में विधानपरिषद सदस्य सलिल विश्नोई ने कहा कि इस घटना में यह निर्णय एक नजीर बनेगा। वर्ष 2004 में सपा सरकार में बिजली कटौती के विरोध में वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना कानपुर में धरने पर बैठे थे। इस दौरान भाजपा के विधायक और कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। लाठी चार्ज में तत्कालीन विधानसभा सदस्य सलिल विश्नोई का पैर टूट गया। वह कई महीनों बिस्तर पर पड़े रहे। इसके बाद विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना की सूचना 25 अक्टूबर 2004 को विधानसभा सत्र में रखी गई थी।
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