गुप्तारगंज मदरसे में मसलके आलाहजरत व जशने दस्तारबंदी का हुआ आगाज
सुल्तानपुर। मदरसा दारुल उलूम अहले सुन्नत निदाये हबीब गुफ्तारगंज में एक अजीमुश्शान तहफ़्फ़ुज़ मसलके आला हजरत व जश्ने दस्तारबंदी का आगाज हुआ, जिसमें मुल्क के मशहूर तमाम उलमा व शोराह भी तशरीफ़ लाये जिसमें खिताब करने के लिए मुफ़्ती अब्दुल रहमान साहब किबला तशरीफ़ लाये उन्होंने हज़रत अली के बारे में बयान किये औऱ साथ ही साथ मुफ़्ती शमश तबरेज़ साहब दारुल उलूम अजीजुल उलूम नान पारा ने अपने खिताब की मुसलमानो के बच्चे इल्म में पीछे है। इसकी रिपोट सच्चर कमेटी बताती है कि मुसलमान की हालात ये है कि सिर्फ इल्म में 3से 4 ही परसेंटेज है और सख्त हिदायत करते हुए मुसलमानो से अपील की अपने बच्चो को हफीजे कुरान के साथ साथ डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफ़ेसर की डिग्री दिलाओ और अपने यहाँ शादियों में कम ख़र्च में करो। आगे उन्होंने कहा कि आज उलमाओं को भला बुरा कहा जाता है लेकिन हिन्दुस्तान जब गुलाम था तो यही उलमाओं ने ही सबसे ज्यादा कुर्बानी दी। जिले के दीगर उलमाओं का सबसे ज्यादा होजुम था। मशहूर शोराह नदीम रजा इस्माइली, फैजान रजा इस्माइली, हलचल सुल्तानपुरी भी थे जिसमे मदरसा दारुल उलूम अहले सुन्नत निदाये हबीब गुफ्तारगंज के नजीमे आला कारी अशफाक खां ने बताया कि जालस-ए-दस्तारबंदी में 11 बच्चों ने दस्तर ली। कारी मुस्ताक अहमद नूरी ने जलसे के मेजिबन देख रहे थे जिसमें मेहमाने खुसूसी मौलाना मंजूर, मौलान अहमद वारसी हाफिज अबरार बड़ोदा गुजरात, हफीज मुबारक साहब मुम्बई, फरजान अहमद, पूर्व प्रधान असलम खान कूरेभार, प्रधान अरसद अली ढेसरुआ, इम्तियाज उर्फ गुड्ड प्रधान ग़ालिब शाहिद, मोहम्मद फैय्याज खा अय्याज खां, शाहरुख खा, मो इरफान अंसारी आदि लोगो ने जलसे में मौजूद रहे।
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