आखिर कैसे होगा गांवों का कायाकल्प जब सरकार के नुमाइंदे ही सरकार की मंशा पर फेर रहे है पानी
केएमबी संवाददाता
सुल्तानपुर। योगी सरकार के नुमाइंदे ही जब सरकार की मंशा को पलीता लगा रहे हो तो गांव के विकास के बारे में सोचना बेमानी ही है। जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के लिए पानी की तरह पैसा बहा रही है तो वहीं ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी सरकारी धन के बंदर बांट करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले की जहां सरकारी धन का धड़ल्ले से दुरुपयोग किया जा रहा है। ताजा मामला विकासखंड दुबेपुर की ग्राम पंचायत बंधुआ कला का है जहां ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम प्रधान की सांठगांठ एवं गठजोड़ से सरकारी धन की जमकर लूट की जा रही है। एक तरफ प्रदेश सरकार का आदेश है कि ग्राम पंचायतों में मजदूरी का पैसा सीधे मजदूरों के खाते में भेजा जाए तो वही ग्राम प्रधान बंधुआ कला ग्राम पंचायत अधिकारी बंधुआ कला की मिलीभगत से मजदूरी का पैसा स्वयं प्रधान व उनके संबंधित के खाते में ली जा रही है। अगर हम वित्तीय वर्ष 2022-2023 की बात करें तो ग्राम पंचायत में कराए जा रहे विकास कार्य में मजदूरी का पैसा मजदूरों के खाते में न जाकर ग्राम प्रधान व उनसे संबंधित के खाते में भेजा गया, जिसका विवरण कुछ इस प्रकार है- 3 अप्रैल 2022 को 18,408, 3 अप्रैल 2022 को 22,629 रुपए, 3 मार्च 2022 को ₹36156, 1 सितंबर 2022 को ₹7834, 11 सितंबर 2022 को रू11351, 1 सितंबर 2022 को ₹11564, 11 मई 2022 को ₹6821, 1 सितंबर 2022 को ₹3517, 1 सितंबर 2022 को 17500 रुपए, 1 सितंबर 2022 को 9086 रुपए, 1 सितंबर 2022 को 12790, 1 सितंबर 2022 को ₹34266 ग्राम प्रधान के खाते में भेजा गया। इसके अलावा 13 नवंबर 2022 को 22200, 11 मार्च 2023 को 66000,11 मार्च 2023 को 70906, 13 मार्च 2023 को 90000 मोहम्मद आलम के खाते में मजदूरी का पैसा भेजा गया। यह तो मात्र एक बानगी है, यदि पंचायत विभाग के अतिरिक्त किसी अन्य एजेंसी से ग्राम पंचायत में कराए गए विकास कार्यों का निरीक्षण कराया जाए तो बड़ा गोलमाल सामने आएगा। इस संबंध में खंड विकास अधिकारी दुबेपुर से वार्ता की गई। तो उन्होंने कहा मामला मेरे संज्ञान में नहीं है आपके द्वारा मेरी जानकारी में मामला आया है यदि ऐसा हो रहा है तो नियम विरुद्ध है।
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