मेरा गांव और नादान मटरूआ
उत्तर प्रदेश के जनपद सुल्तानपुर में तहसील मोतिगरपुर ग्रामसभा नानेमउ में एक छोटा सा गांव है शाहपुर नानेमऊ जिसका मैं निवासी हूँ ! वैसे तो ये गांव भी उसी प्रकार से है जैसे उत्तर प्रदेश के अन्य गांव वही भगवान के रहमो करम पर अर्थात जाहि विधि राखो राम ताहि विधि रहियो ! गांव में कोई बड़ा काश्तकार नही है अधिकतर छोटे कृषक और भूमिहीन भी है ! बढ़ते परिवार को देखते हुये रोजी रोटी पर संकट को देखते हुए विगत कई वर्षों से पलायन लगातार बड़े शहरों नगरो की ओर जारी है ! कोई उद्योग या रोजगार का अन्य साधन उपलब्ध नहीं है ! सरकारों का विकास कार्य यहां तक पहुंचते पहुंचते दम तोड़ देता है ! वैसे तो विगत लगभग बीस वर्षों से अपनी "जाति " का प्रधान चुनते आये हैं किंतु आज भी बरसात के दिनों में लोग घुटनो तक कीचड़ में चलने को मजबूर है ,हां कुछ विशिष्ट लोगों की बात और है उनके पंडोह भी पक्के है और घर की चौखट तक खड़ंजा बिछ चुका है ! अन्य जो चाटुकार टाइप के नही है उनको किसी भी प्रकार की सुविधा जो केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाती है उन्हें उस लाभ से वंचित ही रखा जाता है ! गांव से युवाओं का पलायन विगत कई वर्षों से जारी है इस दिशा में अभी तक कोई प्रयास नही किया गया है ! बूढ़े माता पिता गांव में है और लड़के शहरो में मेहनत मजदूरी करके जीवन यापन कर रहे है ! ऐसा नही है ये गांव अनपढ़ है आज भी यहां के युवा पलायन भी करते है तो स्नातक या परास्नातक की पढ़ाई पूरी करके ! और परदेश में पहुंचकर अच्छी स्थिति में रह भी रहे है ! ऐसा नही है कि ये गांव अपनी दुर्दशा पर मात्र रो रहा है इस गांव के सौभाग्य से ईश्वर ने दया करके स्व श्री गंगादीन शर्मा (दादा) के यहाँ जन्म लिया श्री सुभाष चंद्र शर्मा जी ने जिन्होंने अपने अथक परिश्रम से देश की सर्वोच्च परीक्षा में स्थान प्राप्त किया और आईएएस बनकर गांव का नाम रोशन किया सम्पूर्ण जनपद में उसी के साथ गांव में खुशी की लहर दौड़ गयी और इसी के साथ लोगो की उम्मीदें भी जुड़ गई कि अब हमारे गांव का विकास भी होगा और श्रीमान सुभाष चंद्र शर्मा जी ने निराश भी नही किया !जो कार्य विगत बीस वर्ष की परधानी में नही हो सका वो कार्य करके दिखा दिया ! जो कार्य एक प्रधान का होता है राज्य और केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं को सांसद विधायक द्वारा खींचकर अपने गांव में लाने का वैसा कोई कार्य न पहले हुआ और न ही अब हो रहा है ! किंतु DM साहब के सहयोग और दृढ़ प्रतिज्ञ होने के कारण आज गांव में बैंक ,अस्पताल कार्यरत है जिसका लाभ क्षेत्रीय जनता को मिल रहा है ! आगे बारात घर औऱ डिग्री कालेज प्रस्तावित है !गांव के प्राइमरी विद्यालय भवन के पास ही जूनियर हाईस्कूल बनाने का श्रेय भी माननीयDM को ही जाता है ! पहले जो गाँव हाशिये पर होता था आज उसकी पहचान के लिए बहुत कुछ है ,गांव के लोग गर्व करते है पहले जिन मूलभूत सुविधाओं से वंचित था आज उस गांव के साथ साथ क्षेत्र के लोग भी लाभान्वित हो रहे है !
आज मित्र मटरू से बात हुई बता रहा था कि गांव के युवा आजकल नशे की गिरफ्त में तेजी से आते जा रहे है ! इस दिशा में यदि कोई कदम नही उठाया गया तो स्थिति बहुत ही भयानक हो जाएगी ! मित्र मटरूआ की चिंता भी स्वाभाविक है ,गांव के जिम्मेदार लोगों को आगे आकर इस भयंकर समस्या का निदान खोजना चाहिए ! जो पहचान इस गांव की बनी हूई है बनी ही रहनी चाहिए ऐसा मेरा भी मानना है !
रोजगार की दिशा में प्रधान के द्वारा प्रयास किया जाना चाहिये ! कुछ स्वरोजगार जोकि सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त है यथा मुर्गी पालन ,मछली पालन ,मधुमक्खी पालन ,मोमबत्ती उद्योग ,दूध का व्यवसाय आदि के लिए युवाओं को एकत्र करके उनसे बात करके उनको उनकी पसंद के रोजगार में सहायता करनी चाहिए ! आ रही सरकारी अड़चनों को अपने स्तर पर दूर करके उनको रोजगार प्राप्त करने में सहायता करनी चाहिए !इस प्रकार से गांव की आर्थिक स्थिति सुधरेगी और युवा नशे आदि अन्य प्रपंचो से दूर रह सकेंगे ! युवा ही किसी देश गांव की ताकत होते है उनको उपयोग सकारात्मक उपयोग करना चाहिए ! उनकी ऊर्जा को स्वयं के हितों के लिए उपयोग हो तो समझ मे आता है ! ये एक सामूहिक प्रयास है जिसे प्रधान जी के देखरेख में हो तो इसके सकारात्मक परिणाम आएंगे ऐसा मेरे मित्र मटरू का मानना है ! शेष फिर कभी --------!
नादान मटरू !
राजन शर्मा
मैनेजिंग एडिटर
केएमबी न्यूज़
दिल्ली
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