भयंकर पापी को भी नर्कगामी होने से बचाता है नारायण का नाम- पं. अरविन्द त्रिपाठी
सुल्तानपुर। बल्दीराय तहसील क्षेत्र के ग्राम पूरे रामप्रसाद पांडेय हेमनापुर में चल रही पांचवे दिन की भागवत कथा में जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि व बल्दीराय ब्लॉक प्रमुख शिवकुमार सिंह शामिल हुए व भागवत प्रेमियों के साथ कथा सुन किया भगवान का प्रसाद ग्रहण। कथा समारोह के पांचवे दिन गीता व्यास मनीषी सद्गुरु वरणाश्रित आचार्य पं. अरविन्द त्रिपाठी जी महाराज (रामनगरी-अयोध्या) के सानिध्य में पांचवे दिन की कथा में आचार्य ने बताया कि अजामिल कान्यकुब्ज ब्राह्माण कुल में जन्मे थे और कर्मकाण्डी थे। एक दिन वह गांव से बाजार जा रहे थे तो उन्होंने एक नर्तकी को देख लिया। नर्तकी वेश्या थी बावजूद इसके वह उसे अपने घर ले आए। अजामिल अपने नौ बच्चों के साथ रहने लगे। एक दिन पच्चीस संतों का एक काफिला अजामिल के गांव से गुजर रहा था। यहां पर शाम हो गई तो संतों ने अजामिल के घर के सामने डेरा जमा दिया। रात में जब अजामिल आया तो उसने साधुओं को अपने घर के सामने देखा। इससे वह बौखला गया और साधुओं को भला बुरा कहने लगा। इस आवाज को सुन कर अजामिल की पत्नी जो वेश्या थी वहां आ गई। पति को डांटते हुए शांत कर दिया। अगले दिन साधुओं ने अजामिल से दक्षिणा मांगी। इस पर वह फिर बौखला गया और साधुओं को मारने के लिए दौड़ पड़ा। तभी पत्नी ने उसे रोक दिया। साधुओं ने कहा कि हमें रुपया पैसा नहीं चाहिए। इस पर अजामिल ने हां कह दिया। साधुओं ने कहा कि वह अपने होने वाले पुत्र का नाम तुम नारायण रख ले। बस यही हमारी दक्षिणा है। अजामिल की पत्नी को पुत्र पैदा हुआ तो अजामिल ने उसका नाम नारायण रख लिया और नारायण से प्रेम करने लगा। इसके बाद जब अजामिल का अंत समय आया तो यमदूतों को भगवान के दूतों के सामने अजामिल को छोड़ कर जाना पड़ गया। इस तरह अजामिल को मोक्ष की प्राप्ति हुई। इसलिए कहा गया है कि भगवान का नाम लेने से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।इस दौरान मुख्य यजमान पुष्पा पांडेय व विष्णुदत्त पांडेय, शम्भूदत्तदत्त पांडेय, राजनारायण पांडेय, आदित्य पांडेय, सर्वेश पांडेय, ज्ञानप्रकाश पांडेय, आनन्द पांडेय, कालिका प्रसाद, संगम लाल, भवानीफेर मिश्र, रामदीन तिवारी, रामसुरेश तिवारी, संतोष पांडेय, सुरेश मिश्र, गब्बू तिवारी, कल्लू पांडेय, रामअवध यादव, अंकित तिवारी सहित बड़ी संख्या में भक्तजन मौजूद रहे।
Tags
विविध समाचार