जी20 की वाराणसी में कृषि वैज्ञानिकों की 100वीं बैठक हुई आयोजित
वाराणसी। भारत को पिछले वर्ष इंडोनेशिया में हुए जी-20 सम्मेलन में वर्ष 2023 के लिए अध्यक्षता करने का दायित्व सौंपा गया था। हर सदस्य देश को एक के बाद एक अध्यक्षता करने का मौका मिलता है। जी-20 के 20 देशों के पास दुनिया की कुल इकोनॉमी का 85 फीसदी हिस्सा है।भारत की अगुवाई में हो रहे जी-20 सम्मेलन के तहत सोमवार तक 100 बैठकों का आयोजन हो गया। 100वीं बैठक वाराणसी में कृषि वैज्ञानिकों की रही। पहली बैठक 1 दिसंबर, 2022 को हुई थी। सोमवार को गोवा और हैदराबाद में भी जी-20 के तहत अलग-अलग बैठकों का आयोजन हुआ है। विदेश मंत्रालय ने बताया है कि देश के 28 राज्यों के 41 शहरों में अभी तक सौ बैठकें हो चुकी हैं। इसमें कुल 110 देशों के 12,800 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है। इसमें जी-20 के सदस्य 20 देशों के अलावा नौ विशेष तौर पर आमंत्रित देश और 14 वैश्विक संस्थान भी शामिल हैं। जी-20 देशों का शिखर सम्मेलन सितंबर के पहले हफ्ते में है और उसके पहले कुल 60 शहरों में कुल दो सौ बैठकों का आयोजन इसके तहत किया जाना है।अभी तक भारत में जी-20 के तहत तीन मंत्री स्तरीय बैठकें हो चुकी हैं।इसमें वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों के आयोजन के अलावा विदेश मंत्रिलयों का आयोजन भी शामिल है। वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की दूसरी बैठक का आयोजन 12-13 अप्रैल, 2023 को वॉशिंगटन में हुआ है। जबकि शेरपाओं की भी दो बैठकें उदयपुर और कुमाराकोम में हो चुकी है। विदेश मंत्रियों की बैठक में कुल 28 विदेश मंत्रियों ने और दो उप-विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया था। इन सभी बैठकें काफी अहम रही है और जिन मुद्दों को लेकर जी-20 का गठन किया गया है उन्हें वैश्विक सहमति बनाने में काफी मदद मिली है। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा है कि भारत अपनी अध्यक्षता के दौरान गरीब व विकासशील देशों से जुड़े मुद्दों पर खास तौर पर कोशिश कर रहा है। ग्लोबल साउथ विषय पर पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक आयोजन किया जा चुका है, जिसमें 120 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था।
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