सुल्तानपुर गौरीगंज रोड पर स्थित 55 फिट हनुमान जी के दर्शन के लिए सुरसा के मुंह से होकर पड़ता है गुजरना
सुल्तानपुर/अमेठी। राजनीति के साथ पर्यटन की दृष्टि से भी अमेठी महत्वपूर्ण स्थान है। अमेठी के गौरीगंज जिला मुख्यालय से 9 किलोमीटर दूर स्थित है उल्टा गढ़ा धाम। इस धाम में 55 फिट की बजरंगबली की प्रतिमा स्थापित होने के साथ ही जंगलों के बीचों बीच में भगवान शंकर मां पार्वती के साथ, भगवान विष्णु माता लक्ष्मी और स्वयं ब्रह्मा जी की प्रतिमा स्थापित है। इस धाम में प्रत्येक मंगलवार को भक्तों की भारी भीड़ होती है। मन्दिर का इतिहास काफी प्राचीनतम है। बातचीत में पता चला है कि यह राजा रणंजय सिंह की रियासत थी और राजा भगवान बक्श सिंह ने लालप्रताप सिंह को इस किले को संभालने की जिम्मेदारी दी थी। एक बार अचानक आए भूकंप की वजह से यह किला जमींदोज हो गया। बाद में यहां के स्थानीय निवासी स्वर्गीय सत्य प्रकाश चन्द्र कौशिक ने 2 जून 2007 में यहां इस मन्दिर की आधारशिला रखी और 9 जून 2009 में इस मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई। जिसके बाद से लगातार इस मन्दिर का विस्तार होता जा रहा है। जंगल के बीच देवी देवताओं के अलग-अलग मंदिर विराजमान हैं। इसके साथ ही यहां पर बंदरों की संख्या सर्वाधिक है। यहां पर आने वाले भक्तों द्वारा उन्हें चना, गुड़, पूरी, सब्जी इत्यादि शौक से खिलाया जाता है। बता दें कि उल्टा गढ़ा धाम काफी प्राचीनतम है, उसके बाद भी अभी तक पर्यटन विभाग ने इसे पर्यटन स्थल का दर्जा नहीं दिया है। स्थानीय लोगों की मांग है कि इसे पर्यटन स्थल का दर्जा दिया जाए, जिससे इस स्थान का विकास हो सके और यहां पर और भी नई चीजें स्थापित हो सकें। मन्दिर के पुजारी ने बताया कि मन्दिर से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। बड़ी संख्या में भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं। पर्यटन विकास विभाग से इस धाम को और विकसित करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। सरकार से आग्रह है कि इसे जल्द से जल्द पर्यटन स्थल घोषित कर धाम को और विकसित किया जाए।
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