सरकारी नियमों को धता बता प्रधान व सचिव डकार रहे हैं मजदूरों की मजदूरी का पैसा, जिम्मेदार मामले से बेखबर

सरकारी नियमों को धता बता प्रधान व सचिव डकार रहे हैं मजदूरों की मजदूरी का पैसा, जिम्मेदार मामले से बेखबर
  
केएमबी संवाददाता
सुलतानपुर। गावों का कायाकल्प करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार हर साल एक-एक ग्राम पंचायत को लाखों रुपए दे रही है। इन पैसों से वहां शौचालय, नाली खडंजा, पानी, साफ सफाई, पक्के निर्माण होने चाहिए। गांव में सिंचाई की सुविधा हो ये भी प्रधान का काम है। आपके घर का पानी सड़क पर न बहे ये भी पंचायत का काम है, लेकिन ज्यातादर लोग इस बारें में जानते नहीं है। यही वजह है कि आज ग्राम पंचायतों में हर तरफ भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार व्याप्त है। उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार रोकने की चाहे जितनी मुहिम चला ले लेकिन उनके नुमाइंदे उनकी भ्रष्टाचार मुक्त योजना में पलीता लगाने से बाज नहीं आने वाले हैं। भ्रष्टाचार का आलम यह है कि मजदूरों की मजदूरी का पैसा जो सीधे मजदूरों के खाते में जाना चाहिए लेकिन यहां तो कुछ बेलगाम मनबढ सचिव डबल इंजन की सरकार कहीं जाने वाली प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बनाए हुए नियमों को चुनौती देकर अपना ही नियम कानून चलाते नजर आ रहे हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं जनपद सुल्तानपुर के विकासखंड दूबेपुर व विकासखंड भदैंया की जहां मनबढ सचिवों का अपना ही कानून चलता है। राज वित्त एवं 15 वें वित्त योजना के अंतर्गत काम करने वाले मजदूरों की मजदूरी का पैसा इन ब्लॉकों के कुछ ग्राम पंचायतें जैसे दूबेपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत बंधुआ कला व भदैयां ब्लाक की ग्राम पंचायत बभनगवां और बालमपुर में मजदूरों की मजदूरी का भुगतान या तो स्वयं ग्राम प्रधान के खाते में या फिर उनके सहयोगी एक ही व्यक्ति के खाते में भारी भरकम मजदूरी की धनराशि भेजी जा रही है। मामले की शिकायत खंड विकास अधिकारी से लेकर जिला पंचायत राज अधिकारी तक की जा चुकी है। इनके द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त सचिव व ग्राम प्रधान के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने का आश्वासन भी दिया गया लेकिन अभी तक केवल जांच के नाम पर मामले को लटकाने की कोशिश की जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस तरह मजदूरी का भुगतान किए जाने की वजह यह भी हो सकती है कि या तो बिना काम कराए ही मजदूरी के नाम पर बड़ा झोलझाल किया जा रहा है या फिर मजदूरों की संख्या अधिक दिखाकर पचङे से बचने के लिए ग्राम प्रधान व सचिव की सांठगांठ से ग्राम प्रधान के करीबी एक ही व्यक्ति के खाते में या फिर सवयं प्रधान के खाते में मजदूरी का भुगतान किया जाता है जबकि नियमानुसार काम करने वाले मजदूरों का मास्टर रोल भरा जाना अनिवार्य है। मास्टर रोल में यह दर्शाया जाता है कि किस मजदूर ने कितने दिन काम किया है और उसकी प्रत्येक दिन की मजदूरी कितनी बनती है, उसी हिसाब से मास्टर रोल भरा जाता है। मास्टर रोल भरने के बाद ही मजदूरी का भुगतान सीधे मजदूरों के खाते में ही किया जाना चाहिए। इसी तरह प्रधान या प्रधान के करीबी किसी एक ही व्यक्ति के खाते में मजदूरी का भुगतान करने का मामला दुबेपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत बनकेपुर का भी सामने आया है, जहां मजदूरी का पैसा प्रधान व उसके सहयोगी मोहनलाल व आलोक कुमार के खाते में भेजा जा रहा है। इसकी वजह ग्राम पंचायत अधिकारी बनकेरपु श्रद्धा त्रिपाठी से जानने की कोशिश की गई कि मोहनलाल के ही खाते में मजदूरी का भुगतान क्यों किया जा रहा है तो उन्होंने इस अंदाज में जवाब दिया कि मानो सारे नियम और कानून उनके द्वारा ही बनाए जाते हों। उन्होंने कहा ये कोई बहुत बड़ी बात नहीं है मैं मोहनलाल नाम के व्यक्ति को जानती हूं वो हमारे लिए ग्राम पंचायतों में मजदूर उपलब्ध करवाता है, यही वजह है कि उसके खाते में मजदूरी का भुगतान किया जाता है। अब सवाल यह उठता है यह राज्य वित्त एवं 15 वे वित्त में ठेकेदारी का नियम ही नहीं है तो कैसे इस तरह ग्राम पंचायतों में काम कराया जा रहा है। यदि मान भी लिया जाए कि यह व्यक्ति ग्राम पंचायतों में मजदूर उपलब्ध करवाते हैं, फिर भी मजदूरी का भुगतान काम करने वाले मजदूरों के खाते में न भेज कर नियम विरुद्ध तरीके से इन व्यक्तियों के खाते में भुगतान क्यों किया जा रहा है। 

ग्राम पंचायत बनकेपुर में वित्तीय वर्ष 2022 व 2023 में अनाधिकृत व्यक्तियों के खाते में मजदूरी भुगतान किए जाने का विवरण।

2 मई 2022 को मोहनलाल के खाते में 75,544 भुगतान किया गया।

24 जून 2022 को मोहनलाल के खाते में 44,282 का भुगतान किया गया।

15 जुलाई 2022 को मोहनलाल के खाते में 3,621 का भुगतान किया गया।

30 जुलाई 2022 को मोहनलाल के खाते में 40,571 का भुगतान किया गया।

30 जुलाई 2022 को ग्राम प्रधान मंजूर खान के खाते में 30,300 का भुगतान किया गया।

6 सितंबर 2022 को प्रमोद कुमार के खाते में 58,725 का भुगतान किया गया।

9 अक्टूबर 2022 को साफ सफाई के लिए ग्राम प्रधान मंजूर खान के खाते में 14,000 व मजदूरी का 24,406 का भुगतान किया गया।

16 जनवरी 2023 को मोहनलाल के खाते में 45,804 का भुगतान किया गया।

8 फरवरी 2023 को मोहनलाल के खाते में 29,820 का भुगतान किया गया।

28 मार्च 2023 को मोहनलाल के खाते में 22,645 का भुगतान किया गया।

28 मार्च 2023 को आलोक कुमार के खाते में 38,064 का भुगतान किया गया।


विकासखंड जयसिंहपुर की ग्राम पंचायत फतेहपुर संगत

विकासखंड भदैया की ग्राम पंचायत असरवन 

विकासखंड कुङवार की ग्राम पंचायत भंडरा परसरामपुर

विकासखंड दुबेपुर की ग्राम पंचायत कचनावां

इन ग्राम पंचायतों में भी सचिव व ग्राम प्रधान के गठजोड़ से खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यदि इन ग्राम पंचायतों में भी सक्षम अधिकारियों द्वारा जांच कराई जाए तो नाली खड़ंजा स्ट्रीट लाइट हैंडपंप रिबोर व रिपेयर मजदूरों की मजदूरी का भुगतान आदि जैसे कराए गए कार्यों में खुलकर भ्रष्टाचार का मामला सामने आएगा।
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