गोरखपुर यूनिवर्सिटी के बर्खास्त प्रोफेसर शाइस्ता परवीन और उसके बेटों के बचाव में उतरे
गोरखपुर। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद जहां पूरे यूपी में अतीक की पत्नी शाइस्ता की तलाश चल रही है। वहीं, गोरखपुर यूनिवर्सिटी के बर्खास्त प्रोफेसर शाइस्ता परविन और उसके बेटों के पक्ष में उतर गए हैं। बर्खास्त प्रोफेसर सम्पूर्णानन्द मल्ल दोनों के बचाव के पक्ष में टाउन-हाल स्थित गांधी प्रतिमा पर धरने पर बैठे हैं। डॉ. सम्पूर्णानंद मल्ल गोरखपुर यूनिवर्सिटी में पूर्व संविदा शिक्षक रहे हैं। लेकिन, उन्हें विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में 6 साल पहले बर्खास्त किया जा चुका है। ऐसे में वे लगातार विभिन्न मुद्दों पर अपनी आवाज उठाते रहते हैं।
पुलिस की कार्रवाई को ठहराया गलत
इस दौरान उन्होंने पुलिस और सरकार द्वारा की गई कार्रवाई को गलत बताया। कहा अतीक अहमद और उसके बेटे असद की हत्या की गई है। अब शाइस्ता की तलाश में पुलिस लगी है। ऐसे में मुझे डर है कि शाइस्ता के पकड़े जाने के बाद पुलिस उसके साथ भी कोई घटना कर सकती है। ‘इसलिए मैं मांग करता हूं कि शाइस्ता के साथ नरमी बरती जाए। क्योंकि जिसके बेटे, पति और देवर की हत्या हुई हो, उसके ऊपर क्या बीतेगा? यह केवल वही समझ पाएगा।
शाइस्ता के साथ नरमी बरती जाए
उन्होंने मांग करते हुए कहा था कि ‘शाइस्ता को बाइज्जत न्यायालय में पेश किया जाए। उसके साथ नरमी बरती जाए। इतना ही नहीं, बर्खास्त प्रोफेसर ने असद के एनकाउंटर को हत्या बताते हुए कहा जो भी कार्रवाई की जाए, वह कानून के दायरे में रहकर हो। वहीं शाइस्ता के ऊपर गंभीर मुकदमों और उसके सरेंडर की बात पर उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा इतने डर का माहौल बना दिया गया है, ऐसे में कैसे कोई सरेंडर कर पाएगा।
असद का एनकाउंटर नहीं हत्या हुई
कहा कि अगर असद का एनकाउंटर हुआ होता तो दोनों तरफ से फायरिंग हुईहोती। लेकिन, यह सोची- समझी साजिश के तहत बच्चे की हत्या की गई है। STF ने असद को एकतरफा गोली मारी है। पूरे प्रदेश में डर का माहौल बना दिया गया है। हम मांग करते हैं कि पुलिस कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई करें। इतना डरावना वातावरण बन चुका है कि बेटे का मर्डर पति का मर्डर और देवर का मर्डर हो जाता है। इसलिए शाइस्ता दहशत के कारण फरार चल रही है और सरेंडर नहीं कर रही है।
पुलिस कस्टडी में हुई अतिक की हत्या
बर्खास्त प्रोफेसर ने कहा, अतिक अहमद को उस वक्त गोली मारी गई, जब वो हथकड़ी में पुलिस की कस्टडी में था। जब उसे कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। बावजूद इसके उसे पुलिस के सामने गोली मार दी गई। बर्खास्त शिक्षक ने राष्ट्रपति से शाइस्ता परविन के साथ नरमी बरतने के साथ ही उसे कोर्ट में सरेंडर कराने और उसकी पुलिस तलाश न कराने की राष्ट्रपति से मांग की।
Tags
विविध समाचार