प्रदेश सरकार में कद्दावर मंत्री दया शंकर सिंह एवं उनकी पत्नी स्वाति सिंह के रास्ते एक दूसरे से हुए जुदा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में कद्दावर मंत्री दयाशंकर सिंह और उनकी पत्नी स्वाति सिंह के बीच अब रिश्ता खत्म हो गया है। दोनों ने तलाक ले लिया है। आपको बता दें कि 22 साल बाद दोनों का रिश्ता खत्म हो गया। दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह की शादी 18 मई 2001 को हुई थी, हालांकि पिछले तकरीबन 10 सालों से दोनों के बीच रिश्ते बेहतर नहीं थे। दोनों अलग-अलग ही रह रहे थे। पिछले साल 30 सितंबर 2022 को स्वाति सिंह ने फैमिली कोर्ट में वाद दाखिल किया था। इसमें स्वाति सिंह ने कहा था कि वह पिछले 4 सालों से अपने पति से पूरी रह अलग रह रही है। दोनों के बीच कोई वैवाहिक रिश्ता नहीं है लिहाजा उन्हें तलाक दिया जाए। इसके बाद प्रतिवादी के अदालत में उपस्थित न होने पर कोर्ट ने स्वाति के द्वारा पेश किए गए। सबूतों से सहमत होकर तलाक का फैसला सुना दिया। आपको याद दिलाते चले कि 11 साल पहले 2012 में भी कोर्ट में तलाक की अर्जी स्वाति सिंह ने दाखिल की थी लेकिन कोर्ट में उनकी गैर हाजिरी के कारण अदालत ने मामले को खारिज कर दिया था।
बताते चलें कि 2012 के बाद पति-पत्नी के रिश्ते में खटास आने लगी थी। धीरे-धीरे दोनों एक दूसरे से दूर होने लगे थे लेकिन फिर दयाशंकर के बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती को लेकर दिए गए बयान के बाद स्वाति सिंह अपने पति के पक्ष में खड़ी दिखाई दी। इसके बाद दोनों एक बार फिर नजदीक आ गए। सोचा गया कि रिश्ते बेहतर हो जाएंगे। 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव में दयाशंकर को टिकट नहीं मिला, लेकिन इस बीच बसपा सुप्रीमो मायावती पर की गई टिप्पणी का विवाद इतना गर्म हुआ के पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने दयाशंकर की पत्नी पर विवादित बयान दे डाला। मामले ने तूल पकड़ा दयाशंकर अपनी पत्नी के साथ खड़े नजर आए। जमकर सड़क पर संग्राम हुआ। नतीजा रहा कि स्वाति सिंह की सियासत पलभर में फर्श से अर्श तक पहुंच गई। भाजपा ने उन्हें इसके बाद उन्हें सीधे बीजेपी महिला मोर्चा का अध्यक्ष बना दिया गया।
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