खमारपानी निवासी जाम्बोलकर परिवार पर जानलेवा हमले के मामले में पुलिस के हाथ अभी भी खाली

खमारपानी निवासी जाम्बोलकर परिवार पर जानलेवा हमले के मामले में पुलिस के हाथ अभी भी खाली

केएमबी श्रावण कामङे

बिछुआ। खमारपानी निवासी जाम्बोलकर परिवार पर जानलेवा हमले के मामले मे बदमाशों का अब तक सुराग नहीं मिल पाया है। पुलिस के हाथ अब भी खाली है। इसको लेकर लोगो मे पुलिस के खिलाफ रोष बढ़ता जा रहा है। मालूम हो की विकास खंड बिछुआ अंतर्गत ग्राम खमारपानी निवासी राजेंद्र जाम्बोलकर अपने परिवार के साथ 28मार्च को खेत मे काम कर रहा था। तभी सफ़ेद बुलेरो गाड़ी से दर्जनों लोग आये सभी के हाथो मे हथियार थे। गाड़ी से उतरते ही सभी लोगो पर हमला करने लगे। हमले मे राजेंद्र जाम्बोलकर  मंगलेश जाम्बोलकर, राधेश्याम जाम्बोलकर, लता जाम्बोलकर, मधुपाल जाम्बोलकर को गंभीर चोटे आई है। हमले मे राजेंद्र जाम्बोलकर पर चाकू से लगातार वार किया गया जिससे एक वार सीने पर और दूसरा वार हाथ मे किया गया। खून ज्यादा बहने के कारण जिला अस्पताल ले जाया गया। वही मंगलेश जाम्बोलकर के सर पर हॉकी और डंडे से वार किया गया जिससे वह घटना स्थल पर ही भेवस हो गया और पुरे परिवार पर पत्थर और कांच की बोतल से वार किया गया। वार करने के बाद बदमाश भाग रहे थे तभी गाँव के कुछ लोगो द्रारा पकड़ कर उन्हें पुलिस के हवाले किया गया। सभी घायल पीड़ितों को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात बदमाशो के विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया लेकिन अब भी बदमाश पुलिस के गिरफ्त से कोसो दूर है। ग्रामीणों द्रारा बदमाशो को पुलिस के हवाले किया गया था लेकिन पुलिस द्रारा हमलावरो को तुरंत ही छोड़ दिया गया। जानकरी के अनुसार बदमाश 27अप्रेल के रात से खमारपानी मे किसी अज्ञात जगह पर रूखे हुए थे और पूरा प्लान वही किया गया था। लेकिन सोचने की बात  तो यह है की पोलिस द्रारा चार आरोपियों को पकड़ने के बाउजूद खमारपानी मे कहा रूखे किसने बुलाया और किस गाड़ी से आये थे और गाड़ी भी जप्त की गई। राजेंद्र जाम्बोलकर का कहना है कि "मेरे पे और मेरे परिवार पर दर्जनों लोगो ने जान लेवा हमला किया है, और पुलिस इस पर कोई कार्यवाही नहीं कर रही है,चौकी प्रभारी के द्रारा बताया जा रहा है की चार लोगो पर मामला बनाया गया है, बाकि के चार पांच लोग नाबालिक है इस लिए उन पे केस नहीं बनाया गया। और हम गाड़ी की जप्ती नहीं कर सकते, वह तो किराये से लाये थे। इससे यह मालूम होता है की इसकी जानकारी पुलिस को थी। इस लिए पुलिस कायवाही नहीं कर रहे है,अगर इसके बाद परिवार के कोई भी सदस्य को कुछ होता है इसकी पूरी जवाबदारी साशन प्रशासन की होंगी।"
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