नगर के जीजीआईसी में विधिक सेवा प्राधिकरण ने लगाया जागरूकता कैंप
सुल्तानपुर। लड़के लड़कियों में भेद खत्म करना पड़ेगा और यह दुर्भाव सामाजिक जागरूकता के कारण ही खत्म होगा। आज लड़कियां हर क्षेत्र में नाम कमा रहीं हैं। यदि कहीं किसी महिला पर अत्याचार होता है तो उनको आगे आना पड़ेगा। उक्त बातें नगर के केश कुमारी राजकीय बालिका इंटर कालेज में विधिक सेवा प्राधिकरण के एडीजे एवं सचिव अभिषेक सिन्हा ने बतौर मुख्य अतिथि कहीं। उन्होंने कहा कि आज अगर सूर्यास्त के बाद बेटा कहीं से लौटता है तो बेटे से सवाल जवाब नहीं होते बल्कि बेटियों से कई सवाल होते हैं। यहां अंतर सामाजिक चेतना के जरिए ही कम होगी। एडीजे अभिषेक सिन्हा ने कहा कि कानून बने हुए लेकिन उनका निर्वहन तभी हो पाएगा जब लोग अपने अधिकार और कर्तव्य के प्रति जागरूक होंगे। ज्यादातर समाज में महिलाएं हिंसा की शिकार होती, यह तभी रुकेगा जब लोग अपनी चुप्पी तोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि ज्ञानार्जन के जरिए के कैरियर ताकत दोनों बनते हैं। जागरूक और शिक्षक महिलाएं ही अच्छे समाज का जन्म देती हैं। गलत चीजों का प्रतिकार होना चाहिए।महिलाओं को चाहिए कि वह शोषित और पीड़ित न बने बल्कि ज्ञानार्जन करके आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि जानकारियों का सदुपयोग हमेशा करना चाहिए। विशिष्ट अतिथि नायब तहसीलदार कपिल आजाद ने कहा कि विधि संबन्धी कार्य तहसील में किये जायें है। जैसे आय, जाति, निवास, ईडब्लूएस के संबन्ध में आईजीआरएस पर शिकायत करनी चाहिए। इस साइट पर हर प्रकार की शिकायत कर सकते है। कोई जानकारी चाहिए तो बच्चियां आरटीआई के जरिये जानकारियां हासिल कर सकती है। जब तक आप लोग जिम्मेदारियां नही समझेगी तब तक समस्याएं होती रहेगी। भारतीय संविधान में कहा गया है कि कानून की जानकारी सबको होनी चाहिए। बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का क्या मतलब है क्योंकि दहेज अधिनियम, भूण हत्या कानूनन अपराध है। पैथालाजी चलाने वाले अगर लैंगिग जांच करने वाले अपराधी है। नायब तहसीलदार ने कहा कि भूण हत्या आज भी की जा रही है। लोगो की मानसिकता बदलनी पड़ेगी। बच्चियो को बदलनी पड़ेगी। बच्चियो में भय का माहौल खत्म करना होगा। स्थायी लोक अदालत की सदस्य मृदुला राय ने कहा कि बालिकाओ की आत्मा सुरक्षा विशेष ध्यान देना चाहिए।अतीत भी महान था भविष्य भी सम्भाल लो, मानव जीवन शिक्षा पर ही आधारित है। शिक्षा के माध्यम से आप जीवन मे सफलताएं अर्जित किया जा रहा है। नारी बेचारी नही नारी आत्मसाध कर निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर है। श्रीमती राय ने कहा कि बालिकाओ को डरना नही चाहिए, कोई आपका पीछा करता है तो जोर से चिल्लाये, गुड़ टच और बैड टच को समझें। वन स्टॉप सेंटर की अंजू सिंह ने कहा कि पीड़ित बच्चों के लिए कानून व्यवस्था बनाई गई है। बच्चियों के घर से निकलते हुए माता-पिता को चिंता रहती है। वर्ष 2005 में बच्चों के लिए कानून बनाकर उन्हें संरक्षित किया गया।
मीडिएटर हरिराम सरोज ने कहा विधिक सेवा प्राधिकरण हमेशा सभी की मदद करता है। उन्होंने कहा न्यायिक प्रक्रिया में वर्षो लगते हैं इसलिए यदि कोई मुकदमा दायर होता है तो उसका फैसला नाती लेता है। लिहाजा उच्च न्यायालय ने सुलह समझौता मध्यक्षता के माध्यम से विवाद खत्म करने का अवसर देता है। समझौते के जरिये आप अपनी प्रगति और पड़ोसी की भी प्रगति होती है। हम अपनी बच्चियो को शिक्षा से वंचित न रखे क्योकि एक बच्ची की शिक्षा से राष्ट शिक्षित होता है। बच्चियो के लिए शिक्षा उतनी ही जरूरी है जितना कि मेरे लिए भोजन। बच्चियो की सुरक्षा का विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। देवेश यादव वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि उनकी संस्था कस्तूरबा सेवा संस्थान गरीबो की निशुल्क सहायता करती है। यही नही जेल में निरूद्ध असहाय बन्दियों को निःशुल्क सेवा उपलब्ध करवाया जाता है और जमानत दिलाई जाती है। टोल फ्री नम्बर 1090 पर महिलाओं के विरुद्ध हो रहे अपराध के संबन्ध में शिकायत दर्ज करवाई जाती है।सुल्तानपुर से काफी कम शिकायत दर्ज होती हैं। महिलाएं व बच्चियां संकट की स्थिति में डायल 181 पर भी शिकायत कर सकती है। हर ब्लाक पर बच्चियो के लिए कमेटी बनी हुई है। सुकन्या संवृद्धि योजना की जानकारी दी गयी। विद्यालय की छात्रा श्रुति पांडेय ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान क्यो शुरू किया गया? परुषों के समर्थ में बोटियों को पीछे क्यो रखा गया है?नामिका अधिवक्ता अमित पांडेय ने कहा कि आज बेटियो के अंदर भय को खत्म करना होगा और लोगो की मानसिकता को बदलना जरूरी है। प्रवक्ता डॉ दीपा द्विवेदी ने कहा कि रानी लक्ष्मी बाई, राष्टपति द्रौपदी मुर्मू महिलाओं के लिए रोल मॉडल हैं।छात्रा सौम्या ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर आधारित एक काव्यपाठ प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत मे प्राचार्य शैलेन्द्र चतुर्वेदी ने प्राधिकरण के सचिव को पुस्तक भेंट कर धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर पैरा लीगल वालंटियर योगेश यादव, इबाबुद्दीन, केके उपाध्याय, अनुज विश्वकर्मा, सुनील राठौर, तहसील के पेशकार राजेन्द्र प्रसाद कनौजिया, फिरदौश बानो, श्रवण कुमार समेत दर्जनों रहे।
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