9वां विश्व योग दिवस: स्वास्थ्य तथा सहयोग की प्रेरणा देता योग- डॉक्टर योगी रवि (योग चिकित्सक रोग विशेषज्ञ)
"योग" संस्कृत शब्द से आया है जिसका अर्थ "जोड़ना", "मेल करना", या "एकीकरण" होता है। योग का उद्देश्य अपने अंतरंग शक्तियों को पहचानना, मानसिक शांति और स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना, और आध्यात्मिक उन्नति को प्राप्त करना होता है। योग आध्यात्मिक जागरण, आत्म-साक्षात्कार और उच्चतम स्थिति तक पहुंच के लिए एक मार्ग या साधना है। योग शारीरिक अभ्यास, प्राणायाम (प्राण का नियंत्रण), ध्यान (मन का नियंत्रण), आसन (शारीरिक स्थिरता के लिए आसन), और आध्यात्मिक अभ्यास जैसे तत्वों का समावेशित करता है।
योग प्रशिक्षण के लिए भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की
संख्या में वर्ष 2015 के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के बाद उल्लेखनीय वृद्धि हुई है जो 2018 तक अर्थात चार वर्षों में 37.4% की वृद्धि है (पर्यटन मंत्रालय, टूरिज्म स्टैटिस्टिक्स एट ए ग्लांस,
2014 से 2018 के आंकड़ों के अनुसार)।
योग में बढ़ती रुचि को हेल्थ के यर उद्योग ने उपयोग में लाते
हुए स्वास्थ्य लाभ लेने वाले लोगों को अनेक समाधान उपलब्ध कराए हैं। आजकल योग का सभी पद्धतियों के अस्पतालों में शारीरिक तथा मानसिक व्याधियों के लिए अधिक से अधिक उपयोग किया जा रहा है।
विश्व भर में पिछले 5 वर्षों में योग स्कूलों तथा स्टूडियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। योग को “टॉप-10 फिटनेस प्रेडिक्सन्स ऑफ 2019” की एसीएसएम (अमेरिकन कॉलेज ऑफ स्पो-
र्ट्स मेडिसिन) सूची में 7 वां स्थान प्राप्त हुआ है। योग को विज्ञापनों तथा इलैक्ट्रॉनिक मीडिया अभियानों में भी एक विशेष स्थान प्राप्त हुआ है। योग उपकरण जैसे दरियां, चटाई तथा सहायक
सामग्रियों से जुड़े उद्योग भी चटाई तथा सहायक
सामग्रियों से जुड़े उद्योग भी फलफूल रहे हैं। इस दिशा में पर्यावरण अनुकूल उत्पादों जैसे सूती वस्त्रों, जूट, कार्क तथा प्राकृतिक रबर जैसी वस्तुओं की मांग भी बढ़ी है जिससे मध्यम, लघु तथा मध्यम उद्यमियों को भी बाजार में अनेक अवसर प्राप्त हुए हैं। योग एक व्यहवारिक क्षेत्र के रूप में भी उभरा है जो लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान कर रहा है। अच्छा है कि आज आमलोग जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में योग के
महत्व को समझ रहे हैं और बड़ी संख्या में सभी आयु वर्ग के लोग योग को अपने दैनिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
योग एक अभ्यास की विधि है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने मन को नियंत्रित कर, अपने शरीर को स्वस्थ रखता है और अपनी आत्मा के साथ एकाग्रता में आता है। योग के अभ्यास के द्वारा व्यक्ति अपने अंतरंग शक्तियों को पहचानता है, अपनी मानसिक शांति और स्वास्थ्य को सुनिश्चित करता है और आध्यात्मिक उन्नति को प्राप्त करता है। योग स्वास्थ्य और सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है। यह शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को संतुलित रखने में मदद करता है। योग एक प्राचीन प्रक्रिया है जो शरीर, मन और आत्मा के बीच संतृप्ति और समन्वय को प्रमोट करती है। यह शारीरिक आयामों के साथ संयुक्त श्वासायाम, आसन और ध्यान जैसे तकनीकों का उपयोग करता है।
योग स्वास्थ्य के लिए इस कदर महत्वपूर्ण है कि और इसका लाभ शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर महसूस किया जा सकता है। योग एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है जो शारीरिक आसन, प्राणायाम,ध्यान और माध्यम से व्यक्ति की मनोशांति, शारीरिक फिटनेस, और आत्मा का विकास प्राप्त करने के लिए उपयोगी है। यह भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है और आज विश्व भर में लोग इसे अपनाकर अपनी स्वास्थ्य सुधारने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार प्राप्त करने के लिए इसका उपयोग कर रहे हैं।
योग आसनों के नियमित अभ्यास से शारीरिक सुधार होता है। इससे संकुचित स्नायुओं का विस्तार होता है, शरीर की कसरत बढ़ती है, कमर दर्द और मांसपेशियों की खिंचाव कम होती है। योग आसनों की प्रयास पूर्वक क्रिया से मांसपेशियों को शक्ति मिलती है और शरीर की कंधों, गर्दन, पीठ की अतिरिक्त अकड़न से निजात मिलती है।
मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं। योगासन आपको मन की शांति, मनोवृत्ति को संतुलित करने, चिंता और तनाव को कम करने, और मानसिक समता और सुख की अनुभूति करने में मदद करते हैं। योगासन शरीर के अंगों को खींचने और संशोधित करने के माध्यम से तनाव को कम करने में मदद करते हैं। ध्यान और शान्ति के साथ किए जाने वाले योगासन आपको मन को शांत करने और चिंताओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं। योगासन ध्यान और अभ्यास की एक अद्वितीय तकनीक हैं जो मनोवृत्तियों को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। इसके प्रभाव से मन की चंचलता कम होती है और आपको मानसिक स्थिरता की अनुभूति होती है।
योग और सहयोग दो ऐसी भावनाएं हैं जो मानवीय सम्बन्धों, समाजिक सम्प्रदायों और वृत्तियों को मजबूत बनाती हैं। ये भावनाएं मानवीय सम्बन्धों में समरसता, सौहार्द, संघटनशीलता और सहयोग की अनुभूति को बढ़ाती हैं। शारीरिक योग में, योगासन, प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से शरीर, मन और आत्मा का एकीकरण होता है। योग के अभ्यास से शरीर की स्थिति सुधारती है, मनशांति प्राप्त होती है और आत्मा का अनुभव होता है। इस तरीके से, योग एक आंतरिक सामरिक योग्यता, आत्म-विकास और शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का माध्यम बनता है।
योग में सामाजिक सहयोग की भावना को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है। योग के माध्यम से हम अपने आत्मसात के साथ जुड़ते हैं और अपने आसपास के सामाजिक परिवेश को भी समर्पित करते हैं। इस प्रकार, योग सामाजिक सहयोग की भावना को प्रोत्साहित करता है और हमें अपने समुदाय के लोगों के साथ सहयोग करने के लिए प्रेरित करता है। योग के माध्यम से हम व्यक्तिगत स्वास्थ्य और विकास के साथ ही समाज के कल्याण में भी योगदान कर सकते हैं। योग प्राकृतिक रूप से हमारे मन को शांत करता है और हमें सहयोग और सहभागिता के मार्ग पर ले जाता है। योग के द्वारा हम स्वस्थ और उच्चस्तरीय जीवनशैली के आदर्शों को प्रदर्शित करके अपने समाज में प्रेरणा स्थापित कर सकते हैं। हम अपने सामाजिक संबंधों में सहयोग और समरसता को बढ़ा सकते हैं और समुदाय के सदस्यों के साथ मिलकर सामरिक समस्याओं का समाधान ढूंढ सकते हैं।
इस बार नौंवे विश्व योग दिवस को हम 21 जून 2023 को मनाने जा रहें हैं। विश्व योग दिवस का महत्व यह है कि यह मानवता को योग की लाभों और महत्व के प्रति जागरूक करता है। योग शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है और एक स्थिर और संतुलित जीवन जीने के लिए साधना प्रदान करता है। योग के अभ्यास से मन की शांति, स्वास्थ्य, ऊर्जा और समृद्धि की प्राप्ति होती है। योग शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करने, मन को शुद्ध करने, सक्रियता और स्थिरता का विकास करने और आत्म-साधारण की प्राप्ति करने का एक अद्वितीय माध्यम है।
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