विश्व पर्यावरण दिवस: वृक्षारोपण के साथ रोपित पौधों का उचित रखरखाव आवश्यक
5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है और इस दिन पूरे विश्व में पर्यावरण संरक्षण हेतु विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर आम जनता से अपील है कि पर्यावरण की रक्षा के लिए एकजुट होकर अधिकाधिक वृक्षारोपण करें। जुलाई, अगस्त एवं सितंबर पौधारोपण करने के लिए सर्वोत्तम समय होता है। प्रदूषित वातावरण को देखते हुए इस दौरान अभियान चलाकर वृक्षारोपण करने की आवश्यकता है। वृक्षारोपण को सकारात्मक आंदोलन का रूप देने की आवश्यकता है। पर्यावरण को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए वृक्षारोपण एवं रोपित पौधों का संरक्षण करना अति आवश्यक है। वैसे तो सरकार द्वारा हर वर्ष वृक्षारोपण माह का अभियान चलाकर बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया जाता है लेकिन इनके रखरखाव का उचित प्रबंध न होने के कारण अधिकांश रोपित पौधे सूख जाते हैं। इसलिए आवश्यकता है कि पौधरोपण के साथ इन रोपित पौधों का उचित रखरखाव और संरक्षण हो। इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए नागरिकों और संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी होनी चाहिए, तभी वृक्षारोपण एवं उनके संरक्षण की कल्पना को मूर्त रूप दिया जा सकता है। वृक्षारोपण को महा अभियान का स्वरूप देने के लिए व्यक्ति, संस्था, संगठन और कंपनियों को एक कदम आगे बढ़कर इस महति कार्य में बढ़ चढ़कर योगदान देने की आवश्यकता है। मानवीय गतिविधियों से वृक्षों को नुकसान हो रहा है, उस दृष्टिकोण से वृक्षारोपण करना प्रत्येक व्यक्ति की सामाजिक, नैतिक एवं राष्ट्रीय जिम्मेदारी है। वृक्षों के बहुआयामी लाभ हैं। प्रत्येक वृक्ष का विशिष्ट महत्व है। वृक्ष मनुष्यों की जीवन पर्यन्त सेवा करते हैं। पेड़-पौधों के अभाव में सुखद और हरियाली पूर्ण जीवन की कल्पना कर पाना असंभव है। वृक्षों की छाया के द्वारा ही जमीन पर नमी रहती है। वृक्ष सबसे ज्यादा योगदान जल संरक्षण में योगदान देते हैं। हवा की गुणवत्ता को बढ़ाने में पेड़-पौधे ही सहायक होते हैं। पेड़-पौधे असंख्य सुक्ष्म जीवों और पक्षियों के लिए आहार और आश्रय स्थल बनते हैं। पेड़ों को बचाना, पेड़-पौधों की संख्या को बढ़ाना पर्यावरण के संतुलन के लिए आज के समय की अनिवार्य आवश्यकता बन गई है। आज के समय में वृक्षारोपण को आजीविका के साधन के रूप में समाज में प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। लोग बड़े आकार के वृक्ष उगाकर आर्थिक लाभ अर्जित कर सकते हैं। इस तरह के कार्यों का चलन आगे चलकर बहुत बड़े कार्य का रूप ले सकता है। देशभर में राज्य एवं केंद्र सरकारों द्वारा अनेक लोककल्याणकारी योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिसके परिणाम में आने वाले समय में पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण, प्लास्टिक का कम उपयोग, वस्तुओं का पुनर्उपयोग, रीसाक्लिंग आदि कार्यों में गति आएगी। इन कार्यों में हम अपनी भी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। विश्व पर्यावरण दिवस के दिन हमे वृक्षारोपण करने का संकल्प लेना होगा ताकि पर्यावरण संरक्षण हो सके और हमें शुद्ध वातावरण में रहने का सौभाग्य मिलता रहे।
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