सावन का पहला दिन आज: बाबा का अद्भुत श्रृंगार, गर्भगृह में झांकी दर्शन, चारों द्वार से प्रवेश, जानें व्यवस्था
वाराणसी। देवाधिदेव महादेव का प्रिय माह सावन का आज पहला दिन है।महादेव के भक्तों का काशी विस्वनाथ धाम में आना शुरू हो गया है।काशी विश्वनाथ धाम में आने वाले भक्तों को महादेव का जलाभिषेक और दर्शन करने में परेशानी नहीं होगी।भक्त मंदिर में चारों द्वार से प्रवेश कर रहे हैं। इस बार कांवड़ यात्रा पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त होगी।
बता दें कि सोमवार से कांवड़ियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है।रिकॉर्ड तोड़ संख्या देखकर मंदिर प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन का खास इंतजाम किया है।निकास और प्रवेश के लिए भी अलग-अलग इंतजाम किए हैं।अधिमास के कारण दो महीने का सावन होने के कारण भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। कांवड़ यात्रा करने वालों को भी प्लास्टिक मुक्त कांवर लेकर आने की सलाह दी गई है।सावन में भक्तों पर शिव के साथ ही शक्ति की कृपा भी बरसेगी। सावन के पहले दिन भक्तों ने माता मंगला गौरी का व्रत रखा है। 19 साल के 59 दिनों के सावन में सर्वार्थ सिद्धि योग भी निर्मित हो रहा है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ ही शहर के शिवालयों में भी दर्शन पूजन की कतार देखने को मिल रही।
काशी विद्वत कर्मकांड परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी ने बताया कि दो महीने के दौरान आठ सावन के सोमवार, चार एकादशी और नौ मंगला गौरी के व्रत का पुण्यफल भक्तों को मिलेगा। इसके साथ ही सर्वाथसिद्धियोग भी बन रहा है। इस तरह का संयोग 19 साल पहले 2004 में बना था। अधिमास की शुरूआत 18 जुलाई को होगी और यह 16 अगस्त तक रहेगा।
सावन के सोमवार
पहला : 10 जुलाई
दूसरा: 17 जुलाई
तीसरा : 24 जुलाई
चौथा : 31 जुलाई
पांचवां : 07 अगस्त
छठां : 14 अगस्त
सातवां : 21 अगस्त
आठवां : 28 अगस्त
सवार्थसिद्ध योग
9 जुलाई, 11 ज़ुलाई, 12 जुलाई, 13 जुलाई, 18 जुलाई, 23 जुलाई, 28 जुलाई, 29 जुलाई, 30 जुलाई
07 अगस्त, 09 अगस्त, 10 अगस्त, 14 अगस्त, 15 अगस्त, 16 अगस्त, 20 अगस्त, 21 अगस्त, 24 अगस्त, 25 अगस्त, 27 अगस्त, 29 अगस्त
मंगला गौरी व्रत
04 जुलाई, 11 जुलाई, 18 जुलाई, 25 जुलाई, 01 अगस्त, 08 अगस्त, 15 अगस्त, 22 अगस्त, 29 अगस्त
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