पीएम आवास योजना मेें रोजगार सहायक की साँठगाँठ से जमकर किया गया भ्रष्टाचार
छिन्दवाडा। भारत सरकार द्वारा आम जनता को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाली राशि खुलेआम भ्रष्टाचार किया जा रहा है जिसका उदाहरण चौरई जनपद के ग्राम मेहगोरा में मामला सामने आया है जहां कागजो में आवास योजना मकान बने दिखाए गए धरातल पर बने ही नही दूसरे मकान की फोटो अपलोड जिओ टैगिंग की गई मामला तब उजागर हुआ जब सरपंच द्वारा कलेक्टर, जिला पंचायत, जनपद पंचायत में शिकायत की गई जानकारी के अनुसार रेखा उइके जो कि विगत 12 वर्षो से जबलपुर में निवासरत है रेखा उइके के स्थान में किसी अन्य महिला की फोटो पोर्टल में अपलोड की गई और सम्पूर्ण राशि नियम विरुद्ध आहरण कर ली गयी उसके नाम का मकान कागज में ही बना है जो मकान पुराना दिखाया आज भी वैसे ही स्तिथि में है। मकान का निर्माण हुआ ही नही शासकीय राशि डकार ली गई वही परसराम वर्मा के टीन शेड के मकान के सामने बीम कालम खड़ा करके दूसरा मकान की फोटो अपलोड रोजगार सहायक द्वारा पोर्टल में दर्ज की गई पूरी राशि आहरण कर ली गयी जो कि अपराध की श्रेणी में आता है। अब देखने वाली बात है कि मामला प्रकाश में आया है उसके बाद किस पर कार्यवाही होती है या राजनीति के दबाब में मामला को रफा दफा कर दिया जाएगा या जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। जनपद अध्यक्ष को जानकारी मिलते ही औचक निरीक्षण में कर्मचारी को लेकर मौके पर गए जहां मकान निर्माण बताया जबकि मौके पर मकान है ही। नही ग्रामीण जनो ने बताया कि रेखा इस ग्राम में निवासरत है ही नही उसके पति की मृत्यु के बाद से वह महिला जबलपुर में निवासरत है। परसराम वर्मा के मकान पर भी कोई निर्माण नही हुआ वही टीन शेड आज भी बना है। जी पोर्टल पर पुराना मकान दिखाया जिसकी जांच को लेकर जनपद अध्यक्ष सरोज राधेश्याम रघुवंशी ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को उच्च स्तरीय जांच की मांग की है एवं दोषियों के खिलाफ उचित कार्यवाही की मांग की है।
सरपंच द्वारा पूर्व में ही शिकायत की गई किंतु कोई सुनवाई नही हुई उसके बाद जनसुनवाई में कलेक्टर को आवेदन किया गया जिसे संज्ञान में लेते हुये जाँच कमेटी बनाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।
जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार जी ने भी पत्र जारी कर जांच के आदेश दिए है। सरपंच के द्वारा जो भी कार्य दिए जाते थे रोजगार सहायक द्वारा नही किया जाता था जिसकी शिकायत जनपद में की गई उसके बाद ग्रामीण जनो ने बताया कि रोजगार सहायक द्वारा काम नही किया जाता एवं कार्यो को करने के लिए ग्रामीण जनो से पैसे की मांग की जाती है। अंधेर नगरी चौपट राजा टका शेर भाजी टका शेर खाजा वाली कहावत चरितार्थ करती ग्राम पंचायत थांवरी रोजगार सहायक पीयूष शर्मा का नाम भी गरीबी रेखा सूची में शामिल है जबकि उसी ग्राम पंचायत के गरीब जरूरतमंद को राशन नही मिलता पर खुद अपना गरीबी रेखा में नाम जोड़े हुए है। सरपंच अल्पना सनत बेलवंशी का आरोप है रोजगार सहायक द्वारा गरीबो की उपेक्षा की जाती है आम जनता को आयुष्मान कार्ड, समग्र आई डी खाद्यान पर्ची मनरेगा जैसे के काम नही करता एवं राजनैतिक गति विधि में संलिप्त रहता है। कार्यालय में उपस्थित नही रहता जिससे गांव के ग्रामीण जनो के कार्य के लिए बार बार चक्कर काटना पड़ता है। ग्रामीण जनो का कहना है किसी अन्य रोजगार सहायक को पंचायत के कार्य के लिए नियुक्त कर देना चाहिए एवं पीयूष शर्मा रोजगार सहायक को अन्य पंचायत पर कार्य के लिए ट्रांसफर कर देना चाहिए। ज्ञात होवे की 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान सेवा समाप्ति कर दी गयी थी चुनाव उपरांत राजनीति दबाव के कारण पुनः पंचायत में कार्य के लिए रख लिया गया था। अब देखना ये है अधिकारियों द्वारा रोजगार सहायक की जाँच एवं मकानो का फर्जीवाड़ा में कौन कौन अधिकारी कर्मचारी के ऊपर गाज गिरती है।
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