भदैया के बेला मोहन व बभनीगावा में हरे पेड़ों के रखवाले हुए लापरवाह: धड़ल्ले से काटे जा रहे हरे पेड़
भदैया, सुल्तानपुर। हाल ही में उत्तर प्रदेश की सरकार ने वन महोत्सव के शुभ अवसर पर 35 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था। जहां उत्तर प्रदेश की सरकार ने अपने राज्य मे पेड़ लगवाने का संकल्प लें रहे हैं तो वही जनपद सुल्तानपुर में बैठे वन विभाग कें अधिकारियों ने फलदार पेड़ जैसे नीम आम महुआ को खत्म करने के लिए संकल्प लें लिए हैं कि प्रदेश सरकार की मनसा को हवा हवाई साबित करने के लिए अधिकारी जी जान से जुटे हैं। ताजा मामला तब देखने को मिला जब भदैया क्षेत्र कें अंतर्गत बेला मोहन व भदैया के बभनीगावा इलाके में दिन दहाड़े उत्तर प्रदेश पुलिस की मौजूदगी में हरे पेड़ों पर दिन-रात आरा चल रहे हैं। महुआ, आम और नीम जैसे पेड़ों को रोकने के बजाए वन विभाग के अधिकारी अपना हिस्सा लेकर पेड़ को कटवाने का काम कर रहे हैं। अब सवाल उठ रहा हैं। हरे पेड़ को रोकने के बजाए पेड़ को कटवा कर क्षेत्र की हरियाली को खत्म किया जा रहा तो अब हरे पेड़ों की कटान पर रोक कैसे लगाया जाएगा जब आला अधिकारी ही इसमें मिले हो तो इन ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करेगा कौन? हाल ही में क्षेत्र कें अंतर्गत भरथीपुर, इलाके के लाखीपुर, कुछमुछ, सलाहपुर, भदैया के डढवा आदि इलाकों में हरे पेड़ों की कटान जोरों पर हो रही है। कुछ अपने फायदे के लिए मेहरबान वन विभाग व पुलिस विभाग के अधिकारी जानते हुए भी अंजान बने हुए हैं। क्षेत्र के ठेकेदारों ने पुलिस व क्षेत्रीय वन अधिकारी से सांठगांठ कर लेते हैं। अधिकारियों ने ठेकेदारों को कार्रवाई न होने का पूरा आश्वासन देकर चले जाते हैं। ठेकेदार आम, महुआ, नीम, जामून जैसे प्रतिबंधित पेड़ों का सौदा कर उसे नष्ट करावा रहे हैं। काटे जाने वाले हरे पेड़ों की आरा मशीनों पर खरीद का धंधा अब जोरों पर चल रहा हैं। लंबे समय से हरे पेड़ों की कटान पर कोई कार्रवाई न होना। इस संबंध में वन विभाग के अधिकारियों से जब जानकारी की गई तो पता चला कि मामला वन विभाग की जानकारी में नहीं हैं।
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