आइए जानते हैं छात्रा श्रेया की मौत से पहले और बाद में घटित घटनाक्रम व तीसरे महले का रहस्य
आजमगढ़। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के हरवंशपुर क्षेत्र में स्थित चिल्ड्रेन गर्ल्स कालेज में छात्रा श्रेया तिवारी की आत्महत्या का मामला बड़ी तेजी तूल पकड़ता जा रहा है। प्रधानाचार्या और कक्षा अध्यापिका की गिरफ्तारी होने से प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन लामबंद हो गया है तो वहीं छात्रा श्रेया की मौत को लेकर अभिभावक महासंघ ने भी मोर्चा खोल दिया है।अभिभावक महासंघ के साथ अन्य संगठनों ने मिलकर कल मंगलवार को शहर में जुलूस निकाला।कल मंगलवार यूपी में प्राइवेट स्कूल बंद रहे। छात्रा श्रेया तिवारी आत्महत्या कांड में पुलिस जांच में जुटी हुई है। जांच में कई नए तथ्य सामने आए हैं,जो इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि प्रताड़ना से तंग आकर छात्रा श्रेया ने स्कूल के तीसरे महले से कूदी थी।पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी चोट लगने से मौत होने की बात सामने आई है।आइए जानें आखिर छात्रा श्रेया के आत्महत्या वाले दिन गर्ल काॅलेज में हुआ क्या था। बताते चलें कि यह घटना 31 जुलाई की है। काॅलेज में चेकिंग के दौरान 11वीं की छात्रा श्रेया के बैग से मोबाइल मिलता है।काॅलेज में मोबाइल फोन लेकर आने पर श्रेया को जमकर फटकार लगाई जाती है।इसके कुछ दिन बाद प्रधानाचार्या के सामने श्रेया की पेशी होती है। प्रधानाचार्या के ऑफिस के बाहर श्रेया को खड़ा रखा जाता है और माता-पिता को बुलाने के लिए कहा जाता है।
काॅलेज की ओर से श्रेया के पिता को फोन किया जाता है, लेकिन उन्हें आने में कुछ देर लगती है। इसी बीच प्रधानाचार्या के ऑफिस के बाहर खड़ी श्रेया अचानक सीढ़ियों से तीसरे महले की ओर बढ़ती है और पलक झपकते ही तीसरे महले से कूद जाती है।इसके बाद काॅलेज में हड़कंप मच जाता है। आनन-फानन श्रेया को अस्पताल ले जाया जाता है, लेकिन श्रेया की मौत हो चुकी होती है। श्रेया के माता-पिता स्कूल पहुंचते हैं और उन्हें जब अपनी बेटी की मौत के बारे में पता चलता है तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक जाती है।श्रेया के पिता पुलिस को फोन कर काॅलेज बुलाते हैं।पुलिस और फोरेंसिक टीम घटनास्थल की जांच करती है।इस दौरान श्रेया के माता-पिता प्रधानाचार्या पर गंभीर आरोप लगाते हैं।बाद में उनकी शिकायत पर पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर प्रधानाचार्या सोनम मिश्रा और कक्षा अध्यापक अभिषेक राय को गिरफ़्तार कर लेती है।विवेचना के बाद दोनों पर 302 का केस हटाकर हत्या के लिए उकसाने की रिपोर्ट दर्ज की गई।
पूछताछ में कक्षा अध्यापक अभिषेक राय ने बताया कि शुक्रवार को छात्रा के बैग से मोबाइल बरामद हुआ था। चूंकि, किसी भी स्टूडेंट का स्कूल में मोबाइल लाना प्रतिबंधित है। ऐसे में छात्रा को फटकारा गया था, लेकिन उस दिन बात खत्म हो गई थी।दो दिन बाद (सोमवार) जब छात्रा स्कूल आई तो प्रिंसिपल ऑफिस में उसकी पेशी हुई और पैरेंट्स को बुलाने के लिए कहा गया। तब तक उसे ऑफिस के बाहर खड़ा रहने के लिए कहा गया, लेकिन इसी बीच वो तीसरी मंजिल पहुंच गई और वहां से छलांग लगा दी। ये पूरा घटनाक्रम 10 से 15 मिनट में हुआ।वहीं प्रधानाचार्या सोनम मिश्रा ने कहा कि अगर हमें पता होता कि वो ऐसा करेगी तो उसपर नजर रखते। हमारे भी बच्चे हैं, सालों से स्कूल चला रहे हैं, हम भला क्यों गलत करेंगे।
इस घटना को लेकर एसपी अनुराग आर्य ने बताया कि केस की विवेचना के लिए एक टीम गठित की गई है।सबूतों को इकट्ठा करने के लिए स्कूल के सीसीटीवी कैमरे को जब्त कर लिए गए हैं। सीसीटीवी फुटेज में 31 जुलाई को 12:00 के बाद छात्रा का प्रिंसिपल के कमरे में जाना, फिर बाहर आना और कमरे के बाहर काफी देर तक खड़े रहना सब दिख रहा है। लगभग 1:15 के आसपास वो सीढ़ी के रास्ते तीसरी मंजिल पर गई, जहां से वो नीचे गिरी।
एसपी अनुराग आर्य ने बताया कि घटनास्थल के निरीक्षण के दौरान बेंजीन टेस्ट से यह साबित हुआ जिस जगह पर छात्रा गिरी थी वहां पर खून की मौजूदगी थी, लेकिन उस खून को साफ कर दिया गया।शायद स्कूल के लोगों द्वारा पानी से धुला गया हो। ये कृत्य सबूत मिटाने यानि अपराध की श्रेणी में आता है। एसपी अनुराग आर्य ने बताया कि शुरुआती विवेचना में यही बात सामने आई है कि छात्रा के पास मोबाइल मिलने के बाद उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था।घटना के बाद छात्रा को क्लास अटेंड कराने के बजाए प्रिंसिपल के ऑफिस में बुलाया गया।सजा के रूप में उसको ऑफिस के बाहर काफी देर तक खड़ा रखा गया।इस घटना से अपमानित महसूस कर रही छात्रा ने अपनी जान दे दी।बरहाल अभी जांच चल रही है।सबूतों के आधार पर अन्य लोगों पर शिकंजा कसा जा सकता है।
प्राइवेट स्कूल और अभिभावक एसोसिएशन ने खोला मोर्चा
दरअसल प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि बिना जांच के प्रधानाचार्या और कक्षा अध्यापक की गिरफ़्तारी गलत है। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने प्रधानाचार्या सोनम मिश्रा और कक्षा अध्यापक अभिषेक राय की रिहाई की मांग करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।वहीं अभिभावक महासंघ ने प्रधानाचार्या और कक्षा अध्यापक पर कार्रवाई की मांग करते हुए पूरे काॅलेज प्रशासन पर कार्रवाई करने की बात कही है। इसके लिए आजमगढ़ शहर में विभिन्न संगठनों के लोगों ने मंगलवार को जुलूस निकाला और डीएम को ज्ञापन सौंपा।
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