बहुचर्चित अधिवक्ता आजाद हत्याकांड के चार दिन बाद भी हत्यारोपी हिस्ट्रीशीटर पुलिस की पकड़ से कोसों दूर
केएमबी ब्यूरो
सुल्तानपुर। एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अपराध एवं अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है तो वही दूसरी तरफ जनपद में अधिवक्ता आजाद अहमद की सरेआम गोलियों से भूनकर हत्या कर दी जाती है। अधिवक्ता आजाद अहमद के निर्मम हत्या के बाद जिले के अधिवक्ताओं में खासा आक्रोश नजर आ रहा है। इसके बाद भी जिले की पुलिस मुख्य आरोपी की पकड़ से कोसों दूर नजर आ रही है। अधिवक्ता आजाद अहमद की हत्या के 4 दिन बीत जाने के बाद भी हत्यारोपी हिस्ट्रीशीटर पुलिस की पकड़ से कोसों दूर है। अधिवक्ता को सीने में गोली मारकर मौत के घाट उतारने व मृतक के भाई को गोली मारकर घायल करने वाले मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर सिराज उर्फ पप्पू को घटना के 4 दिन बीत जाने के बाद भी कोतवाली देहात पुलिस व जिले की एसओजी टीम उस तक पहुंचने में नाकाम नजर आ रही है। हिस्ट्रीशीटर सिराज की गिरफ्तारी न होने से अधिवक्ता आक्रोशित होकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द हिस्ट्रीशीटर सिराज की गिरफ्तारी करने की मांग की है, लेकिन कोतवाली देहात पुलिस अभी तक इस हत्यारोपी की भनक तक नहीं पा सकी है और इस हिस्ट्रीशीटर के नेटवर्क के आगे कोतवाली देहात पुलिस लाचार नजर आ रही है। अगर समय रहते हिस्ट्रीशीटर के खिलाफ सुल्तानपुर पुलिस ठोस कदम उठाई होती तो आज यह नौबत ही नहीं आती। हिस्ट्रीशीटर द्वारा अपराध से अर्जित की गई संपत्ति जिला प्रशासन द्वारा जब्त होने के बाद आसानी से मुक्त हो गई थी, जिसका नतीजा यह निकला कि एक बार फिर सिराज उर्फ पप्पू हत्या जैसे जघन्य अपराध को अंजाम देकर आराम से घूम रहा है और पुलिस के हाथ उस तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। फिलहाल अधिवक्ता आजाद की हत्या से जनपद में लगी आग की लपटें अब धीरे-धीरे पूरे प्रदेश तक पहुंचती नजर आ रही है।जनपद गोंडा के अधिवक्ताओं ने भी अधिवक्ता आजाद की हत्या के विरुद्ध जोरदार प्रदर्शन करते नजर आए। अब ऐसी स्थिति में हिस्ट्रीशीटर की गिरफ्तारी सुल्तानपुर पुलिस के लिए और भी चुनौतीपूर्ण होती नजर आ रहा है।
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