शिव तत्व में डूबने वाला शिव भक्त कभी संसार सागर में नहीं डूबता- आचार्य राजकुमार शास्त्री
बल्दीराय सुल्तानपुर। तहसील मुख्यालय स्थित प्राचीन शिव मंदिर में विगत7 दिनों से चल रही शिव पुराण महा कथा का सातवें दिन समापन हुआ। व्यास गद्दी पर विराजमान आचार्य राजकुमार शास्त्री ने कथा के सातवें दिन समापन के अवसर पर कहा कि भगवान शिव कीआराधना करने वाले शिव भक्त और शिव तत्व में डूबने वाला शिव भक्त कभी संसार सागर में डूबता नहीं है। व्यास गद्दी से श्रोताओं को शिव महापुराण कथा का रसपान कराते हुए आचार्य राजकुमार शास्त्री ने कहा कि भगवान शिव को समर्पित 24000 श्र्लोको का महासागर है। इसमें से छोटा सा अंश लेकर हमने विगत 7 दिनों से श्रोताओं को कथा सुनाने का प्रयास किया भगवान शिवशंकर की अविरल भक्ति पाने के लिए हम सभी दिन भर में इक्कीस हजार 6 सौ सांसों को निकलते हैं। शिव भक्त की अगर प्रत्येक सांस शिव भक्ति में लीन हो जाए तो उसका मन विचार बुद्धि सब अच्छी हो सकती है और वह संसार का सबसे उच्च प्राणी हो सकता है। देव के देव महादेव ऐसे अपने भक्तों को संसार मे अपार धन वैभव लक्ष्मी से परिपूर्ण करते हैं। शास्त्री ने कहा कि शिव भक्ति में लीन होने से शिव भक्तों को माता पार्वती का विशेष आशीर्वाद प्राप्त रहता है।सात दिवसीय शिव पुराण महा कथा में अंतर्राष्ट्रीय भजन गायक मधुकर जी की भजनों की रही धूम। प्राचीन शिव मंदिर में चल रही सात दिवसीय शिव पुराण महा कथा में अंतर्राष्ट्रीय भजन गायक विनय मधुकर जी महाराज की धार्मिक भजनों से पूरा कथा प्रांगण गुंजायमान हो उठा। सातवें दिन की कथा में भजनों के माध्यम से महाराज जी ने श्रोताओं को अपनी मधुर वाणी से उनके अंतर्मन में जो गीत पिरोया उससे कथा प्रांगण में मौजूद सभी श्रोता झूम उठे।
मुख्य यजमान जय बहादुर सिंह अपनी पत्नी दयावती सिंह के साथ विगत 7 दिनों से कथा प्रांगण में कथा का रसपान किया भगवान शिव की आराधना में 7 दिनों से लीन रहते हुए दोनों यजमान समाज के कल्याण के लिए जो हवन में आहुतियां डाली वह वास्तव में उनके अंतर्मन में ऐसी अनुभूति हुई शायद भगवान शिव का दर्शन उन्हें साक्षात हो गया है।
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