डॉक्टर तिवारी हत्याकांड: 72 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस की गिरफ्त से आरोपी कोसों दूर
सुल्तानपुर। बीते शनिवार की शाम डॉक्टर घनश्याम तिवारी की पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। अपराधियों का दुस्साहस इस कदर बुलंद था कि मारने पीटने के बाद ई-रिक्शा पर लादकर डॉक्टर तिवारी को उनके घर भिजवा दिया। घर पहुंचने पर डॉक्टर तिवारी ने अपनी पत्नी को बताया कि उनको अजय नारायण आदि ने मारपीट कर मरणासन्न कर दिया है, चोट बहुत लग गई है, मेरी बचने की कोई उम्मीद नहीं है। परिजनों द्वारा जब डॉक्टर तिवारी को जिला अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टर ने उन्हें मृत्यु घोषित कर दिया। इस संबंध में डाक्टर तिवारी की पत्नी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर विधि कार्रवाई शुरू की गई। पोस्टमार्टम के पश्चात लाश जब उनके पैतृक गांव पहुंची तो कोहराम मच गया। परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। अंतिम संस्कार करने से मना करने की सूचना पर जिला प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। डॉक्टर निशा तिवारी के मांग पर विधायक सदर, विधायक लाभुआ, पूर्व विधायक लंभुआ, भाजपा जिलाध्यक्ष एवं जिलाधिकारी सुल्तानपुर सहमति जताई तब जाकर कही परिजन अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए। इस दौरान बीते सोमवार को जिला प्रशासन ने बुलडोजर की कार्रवाई करते हुए आरोपियों के अवैध कब्जे की कुछ जमीन को मुक्त कराया और डॉक्टर तिवारी की जमीन को जिस पर वह कब्जा नहीं पा रहे थे प्रशासन ने उन्हें कब्जा दिलाया। प्रशासन द्वारा कार्रवाई करते हुए अजय नारायण की बाप को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्रवाई अमल में लाई गई, लेकिन मुख्य आरोपी अजय नारायण अभी भी पुलिस की गिरफ्त से कोसों दूर है। हालांकि इस दौरान प्रशासन द्वारा अभियुक्त अजय नारायण को 50000 का इनामिया अपराधी घोषित किया गया है। अब देखना है कि प्रशासन मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कब कर पता है। मामले में पुलिस अधीक्षक ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शिथिलता बरतने के आरोप में नगर कोतवाल को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।
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