युवा समाजसेवी पीयूष तिवारी ने रक्तदान कर पेश की समाज सेवा की एक नई मिसाल
सुलतानपुर। समाज के लिए कुछ करने की उम्र नहीं सोच होनी चाहिए। उसी सोच के साथ सोलहसल साल की उम्र में ही एक छात्र के मन में जनसेवा का पनपाएजुनून का सुरूर चढ़ा तो आज तक नहीं उतरा। पीयूष तिवारी एवं उनकी स्वर्गीय राघव राम तिवारी टीम बेसहारों को सहारा, लावारिश लाशों को तथा, भूखों को भोजन, नंगे बदन को कपड़ा, जिंदगी से जंग लड़ने वालों को खून देकर उनके दुःख बाट रही है। अपनों के बीच वह पीयूष तिवारी के नाम से मशहूर हैं। पढ़ाई के साथ एक निजी प्रतिष्ठान के मालिक हैं पीयूष अपनी जिम्मेदारियों के बीच हर वक्त दूसरों की मदद को तैयार रहते हैं। सेवा कार्यों में पीयूष जैसे युवाओं की एक छोटी सी कोशिश किसे किसी की जान बच सकती है।षरक्तदान करने वाले पीयूष तिवारी कहते हैं कि उनकी कोशिश रहती है कि कोई खून की कमी से मरने न पाए इसके लिए वे जरूरतमंदों को तलाशते भी रहते हैं। अब हर तीसरे महीने वे रक्तदान करने का अपना नियम बना चुके है। अपने सेवा सफर की शुरुआत की तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसी दौरान पीयूष तिवारी कोरोना कल में भी लोगो को ब्लड, बेड,ऑक्सीजन सिलेंडर, भोजन कराकर भी बहुतों की मदद की है।
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