जल जीवन मिशन द्वारा आयोजित 'जल ज्ञान यात्रा' बच्चों के लिए बनी यादगार
सुलतानपुर, 13 सितम्बर। गौरवशाली अतीत का प्रतीक, सीताकुंड की ख्याति, ऋषि मुनियों की तपोस्थली और गोमती के तट पर बसे सुलतानपुर जिले में बुधवार को जल जीवन मिशन की ओर से आयोजित 'जल ज्ञान यात्रा' स्कूली बच्चों के लिए यादगार बन गई। स्कूली बच्चों ने स्लोगन के माध्यम से जल संचयन और संरक्षण का संदेश दिया। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से यात्रा में शामिल स्कूली बच्चों को जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना से ग्रामीणों तक पहुंचाए जा रहे नल कनेक्शन की जानकारी दी गई। ओवर हेड टैंक(पानी टंकी) का भ्रमण कराया गया। पीने योग्य पानी की सप्लाई कैसे की जाती है, इसकी जानकारी दी गई। ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बनाई गई जल जांच प्रयोगशाला में फील्ड टेस्ट किट से पानी श्रोतों की जांच देखकर स्कूली बच्चे अचंभित रह गये। जिले में पहली बार नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की ''जल ज्ञान यात्रा' आयोजित की गई। जल ज्ञान यात्रा की शुरूआत ग्राम टीकर से हुई। यहां पीने के स्वच्छ पानी पहुंचाने की प्रक्रिया को स्कूली बच्चों ने समझा। जल जांच प्रयोगशाला पहुंचकर पानी जांच के इंस्ट्रूमेंट्स के बारे में बच्चों ने स्कीम के प्रोजेक्ट मैनेजर से सवाल भी किये। प्रयोगशाला में पानी में कठोरता कैसे जांचते हैं, बैक्टीरिया का कैसे पता लगाते हैं आदि के बारे में भी बच्चों को बताया गया। नुक्कड़ नाटक के जरिए कलाकारों ने रोचक अंदाज में बच्चों को जल जीवन मिशन की खूबियों की जानकारी दी।
सुबह ब्लाक-धनपतगंज के ग्राम टीकर के पार्क में एकत्रित हुए सरकारी व निजी स्कूलों के बच्चों को जल जीवन मिशन की योजना से जोड़ने के लिए आयोजित जल ज्ञान यात्रा का शुभारंभ हुआ। जल निगम (ग्रामीण) के अधिशासी अभियंता संतोष कुमार ने स्कूली बच्चों के दल को हरी झण्डी दिखाई। इसके बाद स्कूली बच्चों को ग्राम टीकर स्थित पानी की टंकी और वहां से की जा रही पानी आपूर्ति व्यवस्था की जानकारी दी गई और 'हर घर जल' गांव का भ्रमण भी कराया गया। इस दौरान बच्चों ने घर-घर तक पहुंचे नल कनेक्शन देखे और शुद्ध जल प्राप्त कर रहे ग्रामीणों से बातचीत भी की। इसके बाद जल निगम ग्रामीण की जल जांच प्रयोगशाला सुलतानपुर में स्कूली बच्चों को भ्रमण कराया गया। गोमती नदी के तट पर स्थित गोला घाट घूमकर बच्चे उत्साहित हुए। इसके बाद उनको सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट सुलतानपुर ले जाया गया जहां नदियों की स्वच्छता के लिए एसटीपी की उपयोगिता की जानकारी दी गई।
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