शासन की मंशा की विपरीत जिले में धड़ल्ले से बज रहे हैं डीजे, प्रशासन बना मूकदर्शक
केएमबी ब्यूरो
सुल्तानपुर। कान फाड़ू आवाज में डीजे बजाने से हिलते रहे घरों के खिड़की दरवाजे जिला प्रशासन बना मूकदर्शक, हाईकोर्ट के आदेश व प्रदेश सरकार के निर्देशों का उड़ाया जा रहा है मखौल। उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट ने डीजे बजाने पर पाबंदी लगाते हुए कहा कि तेज आवाज में डीजे बजाने पर ध्वनि प्रदूषण फैलता है और बच्चों बुजुर्गों व अस्पतालों में भर्ती मरीजों पर विपरीत असर पड़ता है। कोर्ट ने डीएम को डीजे बजाने की मंजूरी न देने तथा टीम बनाकर निगरानी करने के निर्देश भी दिए थे। साथ ही यूपी सरकार को इस पर शख्ती से अमल करने को कहा था। यूपी सरकार को डीजे बजाने वालों पर एक लाख के जुर्माना व 5 साल तक की कैद की सजा का नियम बनाने की बात भी कही थी। कोर्ट ने कहा कि डीजे बजाने पर संबंधित थाना प्रभारी की जवाब देही होगी। सभी धार्मिक त्योहारों से पहले डीएम-एसपी बैठक कर कानून का पालन कराए लेकिन यहां तो सभी थानों पर त्योहार से पहले पीस कमेटी की बैठक बुलाकर पुलिस द्वारा दिए गए सख्त निर्देश के बावजूद मूर्ति विसर्जन के दौरान नियमों को ताख पर रखकर जिला प्रशासन की देखरेख में धड़ल्ले से तेज आवाज में डीजे बजाए जा रहे हैं। डीजे की आवाज इतनी तेज है कि लोगों ने बताया कभी-कभी तो घरों के खिड़की दरवाजे तक हिलने लगते हैं और जिला प्रशासन तमाशबीन बना हुआ है।
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