विद्युत महकमें की अघोषित बिजली कटौती से आमजन त्रस्त
केएमबी ब्यूरो
सुल्तानपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश को चकनाचूर कर रहा है विद्युत महकमा। मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बाद भी विद्युत महकमा अघोषित बिजली कटौती करने से बाज नहीं आ रहा है। जून माह में योगी आदित्यनाथ ने एक आदेश जारी करते हुए कहा था कि विद्युत विभाग द्वारा किसी भी तरह की अनावश्यक बिजली कटौती नहीं की जाएगी लेकिन विद्युत विभाग में तो नजारा कुछ और ही नजर आ रहा है। एक तरफ जहां भीषण गर्मी से जनता बिलबिला रही है तो वहीं किसानों के खेतों की बुवाई भी उनके दरवाजे पर दस्तक दे रही है लेकिन बेबस किसान अघोषित बिजली कटौती के कारण अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। जिले में विद्युत विभाग द्वारा 1 अक्टूबर 2023 से लेकर 31 अक्टूबर 2023 तक ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में रोस्टिंग का नया टाइम टेबल निर्धारित किया गया था जिसमें दर्शाया गया था कि सामान्य ग्रामीण क्षेत्रों में निम्नांकित नियमानुसार कल 6 घंटे विद्युत कटौती की जाएगी जिसमें ए ग्रुप में आने वाले ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिदिन सुबह 6:30 से लेकर 10:00 तक रोस्टिंग की जाएगी शाम को 4:30 से 7:00 तक रोस्टिंग समय निर्धारित किया गया था और बी ग्रुप में आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह 9:00 से लेकर 12:00 तक रोशटिंग का समय निर्धारित किया गया तथा शाम को 3:45 से 6:45 तक रोशटिंग का समय निर्धारित किया गया था लेकिन विद्युत विभाग की जनता के प्रति अन्नदेखी व मनमानी के चलते केवल 7 से 8 घंटे ही विद्युत आपूर्ति मिल रही है। बाकी समय रोस्टिंग में ही चला जा रहा है। विद्युत विभाग के बाबू साहब तो ऐसी में बैठकर मलाई काट रहे हैं लेकिन जनता अघोषित बिजली कटौती से बिलबिल रही है पहले तो किसानों एवं गरीब असहाय जनता को विद्युत विभाग द्वारा मनमानी ढंग से बिल बनाकर उनको रसीद थमा दी जाती है। बिल न जमा करने की स्थिति में विद्युत विभाग द्वारा जबरन उनकी लाइन को काट दिया जाता है फिर शुरू हो जाता है सेटिंग गेटिंग का कारोबार। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मीटर रीडर नमक गिरोह के लोग व संविदा कर्मियों द्वारा सुविधा शुल्क लेकर लाइन को फिर से जोड़ दिया जाता है। सूत्र यह भी बताते हैं कि मीटर रीडर गिरोह के सदस्यों का काम है कि वह घर घर जाकर उपभोक्ताओं का बिजली बिल बनाएंगे लेकिन इस गिरोह के कुछ सदस्य ऐसे भी तानाशाह है जिनके पास खुद का मीटर उपलब्ध रहता है और यह लोग एक जगह बैठकर अपनी मनमर्जी से उपभोक्ताओं को बिजली बिल बनाकर थमा देते हैं। बाद में उपभोक्ताओं से अवैध सुविधा शुल्क लेकर बिजली का बिल काम भी कर देते हैं। यदि इसी तरह मीटर रीडरों का कारनामा और अनावश्यक बिजली कटौती जारी रही तो आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की नैया कैसे पर होगी यह बड़ा सवाल है।
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